Hindi News / Himachal Pradesh / Sanjauli Masjid Case The Dispute Going On For 15 Years Has Been Settled The Entire Sanjauli Mosque Will Be Razed To The Ground The Court Has Given The Order To Bulldoze It

15 साल से चल रहे विवाद का हो गया निपटारा, जमींदोज होगी पूरी संजौली मस्जिद, कोर्ट ने सुनाया बुलडोजर का फरमान

15 साल से चल रहे विवाद पर अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि वक्फ बोर्ड का जमीन पर कोई अधिकार नहीं है। माना जा रहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम जल्द ही मस्जिद पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई कर सकता है।

BY: Ashish kumar Rai • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज) Sanjauli Masjid Case: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में बनी मस्जिद पूरी तरह से अवैध है और मस्जिद की चारों इमारतों को गिराया जाएगा। शिमला नगर निगम की कमिश्नर कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाते हुए पूरी मस्जिद को अवैध करार दिया है और सभी मंजिलों को गिराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने संजौली की मस्जिद को ‘अवैध ढांचा’ करार दिया है। 15 साल से चल रहे विवाद पर अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि वक्फ बोर्ड का जमीन पर कोई अधिकार नहीं है। माना जा रहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम जल्द ही मस्जिद पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई कर सकता है।

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पूरी मस्जिद गिराने का आदेश

नगर निगम (एमसी) कोर्ट ने इस मस्जिद के पूरे ढांचे को अवैध करार दिया है और इसे गिराने का आदेश दिया है। एमसी कोर्ट ने साफ कहा है कि मस्जिद का निर्माण बिना किसी वैध अनुमति, एनओसी और स्वीकृत नक्शे के किया गया था। निगम कोर्ट ने सुनाया अंतिम फैसला

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कोर्ट के आदेश के अनुसार मस्जिद का भूतल और प्रथम तल भी अब अवैध माना गया है, जबकि इससे पहले 5 अक्टूबर 2024 को द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ तल को गिराने का आदेश जारी किया जा चुका था। स्थानीय लोगों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता जगत पाल ने जानकारी दी कि हाईकोर्ट के निर्देश के तहत नगर निगम आयुक्त को छह सप्ताह के भीतर मामले का निपटारा करना था और आज का निर्णय उसी प्रक्रिया का हिस्सा है।

हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड के वकील दस्तावेज पेश नहीं कर पाए

कोर्ट ने यह भी माना है कि हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड पिछले 15 सालों में यह साबित नहीं कर पाया है कि विवादित जमीन पर उसका कोई मालिकाना हक है। इतना ही नहीं बोर्ड ने नगर निगम से टैक्स की एनओसी भी नहीं ली और न ही कोर्ट में कोई वैध दस्तावेज पेश किए गए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पुराने ढांचे को भी बिना अनुमति के गिराया गया। इसके बाद इस जमीन पर अवैध रूप से नया निर्माण किया गया, जो नगर निगम अधिनियम की धाराओं का खुला उल्लंघन है।

आपको बता दें कि शिमला के ढली इलाके में हिंदू संगठनों के सदस्यों ने इकट्ठा होकर संजौली इलाके में एक मस्जिद के अवैध निर्माण का विरोध किया था। इस मामले को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।

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