India News HP (इंडिया न्यूज़), Sanjauli Mosque: राजधानी शिमला के उपनगर संजौली का मस्जिद विवाद एक बार फिर कानूनी लड़ाई में फंस सकता है। दरअसल ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन ने नगर निगम शिमला के आयुक्त कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं और मस्जिद कमेटी ने सोमवार को आगामी रणनीति तय करने के लिए बैठक बुलाई है।
मस्जिद कमेटी की बैठक में यह तय किया जाएगा कि तीन मंजिलों को किस तरह से तोड़ा जाना है। दूसरी ओर, हिंदू पक्ष भी न्यायालय में कैवियट दाखिल करने की योजना बना रहा है ताकि वे अपना पक्ष सुनाने का आग्रह कर सकें। इस मामले में सोमवार को निर्णय लिया जाएगा, जो दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
Banswara Viral Video: अजगर के साथ लड़कों ने की शर्मनाक हरकत, वन विभाग में मचा हड़कंप
दरअसल पांच अक्टूबर को आयुक्त कोर्ट ने संजौली में स्थित मस्जिद की पांच मंजिलों में से ऊपर की तीन मंजिलों को गिराने की अनुमति दी थी, जो मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड के आवेदन पर आधारित था। इस निर्णय के बाद विवाद सुलझता हुआ प्रतीत हो रहा था, और मस्जिद कमेटी ने भी कोर्ट के फैसले का सम्मान करने का आश्वासन दिया था।
हालांकि, ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन ने इस फैसले को चुनौती देने का निर्णय लिया है। इससे इस विवाद में एक बार फिर जटिलता आ सकती है। संगठन ने नगर निगम शिमला के आयुक्त कोर्ट के निर्णय को चुनौती देने के लिए औपचारिकताएं पूरी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, और इस संबंध में आगामी रणनीति तय करने के लिए मस्जिद कमेटी की बैठक सोमवार को होगी।
Baba Siddique Family: क्या हैं बाबा सिद्दीकी के बेटा-बेटी, जानें अब कौन संभालेगा NCP नेता की गद्दी?
संजौली मस्जिद विवाद में आयुक्त कोर्ट में पिछले 14 वर्षों में 45 से अधिक सुनवाई हुई हैं। इस दौरान अवैध निर्माण रोकने के लिए कई नोटिस भी जारी किए गए। हिंदू संगठनों के बड़े प्रदर्शन के बाद पांच अक्टूबर को कोर्ट का फैसला आया था, जिसमें मस्जिद की ऊपर की तीन मंजिलों को गिराने की अनुमति दी गई। नौ अक्टूबर को ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन ने बैठक कर इस फैसले को चुनौती देने का निर्णय लिया। यह विवाद सितंबर से लगातार सुर्खियों में रहा है, जब शिमला में हिंदू समाज के लोगों ने मस्जिद को तोड़ने के लिए आंदोलन किया।
नगर निगम प्रशासन पर यह आरोप भी लगे हैं कि उसने बिना अनुमति के मस्जिद के निर्माण के दौरान किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की। मस्जिद का निर्माण 2010 में शुरू हुआ था और मात्र आठ वर्षों में इसका काम पूरा कर लिया गया। इस विवाद ने स्थानीय समुदाय में गहरी चर्चा और विवाद को जन्म दिया है, जिससे स्थिति और भी जटिल होती जा रही है। अब दोनों पक्षों के लिए यह महत्वपूर्ण होगा कि वे न्यायालय में अपनी-अपनी स्थिति को स्पष्ट करें, ताकि मामले का समाधान हो सके।
सुंदरता का दूसरा नाम थी ताड़का…फिर ऐसा क्या हुआ जो इस ऋषि के श्राप ने छीन लिया पूरा निखार?
खबरों के मुताबिक इम्तियाज रशीद कुरैशी ने कोर्ट की अवमानना याचिका में जिला प्रशासन, लाहौर…
Tejashwi Yadav: राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले तेजस्वी और तेज प्रताप यादव के बीच…
Rahul Gandhi Visit: कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी शनिवार को बिहार दौरे पर पहुंच…
India News (इंडिया न्यूज), UP News: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत सभी विपक्षी…
Bad Cholesterol: हाई कोलेस्ट्रॉल कितना खतरनाक हो सकता है इसका अंदाजा आप इसी बात से…
Supaul Firing News: बिहार के सुपौल जिले में शुक्रवार को पेट्रोल पंप मैनेजर दीप नारायण…