India News HP (इंडिया न्यूज) Sanjauli Mosque Case: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण को गिराने के आदेश जारी किए गए हैं। शनिवार को नगर निगम शिमला के कमिश्नर कोर्ट में हुई सुनवाई में इस पांच मंजिला मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को गिराने के आदेश जारी किए गए हैं। इस अवैध निर्माण को दो महीने के भीतर गिराना होगा। मस्जिद कमेटी खुद इस अवैध निर्माण को गिराएगी। कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ का कहना है कि अभी उन्हें विस्तृत आदेशों का इंतजार है। लेकिन इस मामले में कोर्ट से जो आदेश आए हैं, उन्हें वह स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि कमेटी या वक्फ बोर्ड इन आदेशों को चुनौती नहीं देगा। अब पैसे जुटाकर अवैध मंजिलों को गिराया जाएगा।
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नगर निगम आयुक्त ने अवैध हिस्सों को गिराने की दी अनुमति
नगर निगम के जूनियर इंजीनियर द्वारा कोर्ट में दी गई स्टेटस रिपोर्ट पर भी वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी ने सवाल उठाए थे। 7 सितंबर को हुई सुनवाई में वक्फ बोर्ड ने नगर निगम इंजीनियर से मस्जिद के अंदर अवैध निर्माण को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। उनका कहना था कि निगम उन्हें बताए कि कितना अवैध निर्माण हुआ है। इस पर कमिश्नर ने जूनियर इंजीनियर को नए सिरे से रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे।
अब इस मामले पर फैसला आ गया है। कमिश्नर कोर्ट की सुनवाई से पहले मस्जिद कमेटी ने खुद नगर निगम को लिखित आवेदन दिया था कि अगर कमिश्नर कोर्ट मस्जिद में अवैध निर्माण को गिराने के आदेश जारी करता है तो कमेटी खुद अवैध निर्माण को गिराने के लिए तैयार है।
कहां से शुरू हुआ विवाद
मस्जिद विवाद की शुरुआत मारपीट से हुई। जहां शिमला के मल्याणा इलाके में करीब छह लोगों ने एक हिंदू व्यक्ति के साथ मारपीट की। इसमें एक गंभीर रूप से घायल हो गया। इस मारपीट को लेकर उक्त व्यक्ति ने थाने में मामला दर्ज करवाया और बताया कि मारपीट के बाद सभी आरोपी मस्जिद में छिप गए। जब हिंदू संगठनों को इस बात का पता चला तो उन्होंने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया और मस्जिद को अवैध बताकर गिराने की मांग की।
इसके बाद कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह, विक्रमादित्य सिंह ने भी इस मामले को विधानसभा में उठाया। मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विधानसभा में कहा कि कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। अगर अवैध निर्माण पाया जाता है तो उसे गिराया जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे लोगों का यह प्रदर्शन गुस्से में बदल गया। इसी कड़ी में 11 सितंबर को हिंदू संगठनों द्वारा संजौली में उग्र प्रदर्शन किया गया। इस दौरान लाठीचार्ज और पथराव में पुलिस कर्मियों समेत कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए।