India News HP(इंडिया न्यूज), Sanjauli Mosque Case: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में बनी मस्जिद की तीन अवैध मंजिलों को गिराने के लिए वक्फ बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद मस्जिद कमेटी ने इस संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार दोपहर करीब 12:40 बजे कमेटी ने मस्जिद की छत उखाड़ने का काम शुरू कर दिया। कमेटी ने बोर्ड को पत्र लिखकर अवैध निर्माण को गिराने की अनुमति मांगी थी। यह मंजूरी सोमवार को मिल गई। इसके बाद ऊपरी तीन मंजिलों को गिराने का काम शुरू कर दिया गया।
Basti News: बस्ती में भीषण सड़क हादसा! डिपो की तेज रफ्तार बस ने मारी टक्कर, कई लोग घायल
वक्फ बोर्ड से मिली मंजूरी
मस्जिद कमेटी ने डीसी शिमला, एसपी शिमला और नगर निगम को भी इस संबंध में जानकारी दे दी है। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ का कहना है कि अवैध निर्माण को गिराने के लिए बोर्ड से मंजूरी मिल गई है। इसके बाद आज मस्जिद की छत गिराई जा रही है। उन्होंने कहा कि पैसे जुटाकर अवैध निर्माण को गिराया जाएगा। पूरे अवैध निर्माण को गिराने में दो से तीन महीने का समय लगेगा। उन्होंने कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि प्रदेश में आपसी भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे। मस्जिद कमेटी अपने खर्चे पर अवैध निर्माण को गिराएगी।
जानें क्या है पूरा मामला
संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण से जुड़े मामले पर नगर निगम कमिश्नर कोर्ट ने करीब 14 साल बाद 5 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाया। वर्ष 2010 में शुरू हुए इस मामले में नगर निगम ने अवैध निर्माण रोकने के लिए कुल 38 नोटिस जारी किए। इनमें से 27 नोटिस अकेले सलीम नाम के व्यक्ति को भेजे गए, जो वर्ष 2016 तक नगर निगम की सुनवाई में आता रहा। फिर अचानक गायब हो गया। सुनवाई में न आने पर कोर्ट ने 15 जून 2016 को उसे एक्स पार्टी घोषित कर दिया। वहीं, इस मामले में वक्फ बोर्ड को भी 11 नोटिस जारी किए गए। वर्ष 2010 से 2024 तक इस मामले में कुल 45 सुनवाई हुई। अब 46वीं सुनवाई में कोर्ट ने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया। नगर निगम को 31 मार्च 2010 को मस्जिद में अवैध निर्माण की शिकायत मिली थी।
इस पर 3 मई 2010 को निगम ने पहला नोटिस जारी कर काम रोकने के आदेश दिए थे। यह नोटिस सलीम को जारी किया गया था। 2 सितंबर 2010 को वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को भी नोटिस जारी किया गया था। 2011 में भी कई नोटिस जारी किए गए। 2012 तक दो मंजिला मस्जिद बन गई। यहां आगे निर्माण के लिए कमेटी ने मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए आवेदन किया। लेकिन खामियों के चलते नगर निगम ने यह मानचित्र वापस कर दिया। इसके बाद कमेटी ने बिना नक्शा पास कराए ही वर्ष 2018 तक यहां पांच मंजिला मस्जिद बना दी।\