India News HP (इंडिया न्यूज़), Shardiya Navratri 2024: आज से प्रदेशभर में नवरात्रों को पर्व शुरू हो गया है। चारों और इसी पर्व की धूम है। सुबह-सुबह भक्त मंदिरों में माता रानी की पूजा करने के लिए पहुंच रहे है। वहीं देवभूमि हिमाचल प्रदेश के विश्वविख्यात शक्तिपीठों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच गई। विश्वविख्यात शक्तिपीठों पर सुबह की आरती के साथ शारदीय नवरात्र बड़ी धूमधाम से शुरू हो गए हैं।
शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर के खुले कपाट
अगर बात करें बिलासपुर स्थित शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर की तो यहां भी सुबह की आरती के साथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए। नवरात्र के पहले पर्व पर मां नैना देवी के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया गया। मान्यता है कि शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। भव्य नवरात्र के शुभ नक्षत्रों पर लोग नैना देवी पहुंच कर प्राचीन आवास कुंड स्थित आहुति मठों में अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना कर रहे हैं।
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नैना देवी मंदिर परिसर को फूलों से सजाया
इस बार शारदीय नवरात्र में हरियाणा की मीनार संस्था की ओर से नैना देवी मंदिर परिसर में रंग-बिरंगे फूल, लाइटें व झील लगाई गई हैं, जिसमें 20 से अधिक कलाकार पिछले कुछ दिनों से मंदिरों की भव्य सजावट में लगे हुए हैं, वहीं प्राकृतिक सौंदर्य की अपार छटा के साथ नैना देवी मंदिर की सजावट का मनमोहक नजारा देखने को मिल रहा है। बता दें कि मां नैना देवी के दरबारों में पंजाब, हरियाणा व दिल्ली समेत कई जगहों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की ओर से नारियल पूजन का सिलसिला शुरू हो गया है।
10 दिनों तक खुले रहेंगे मंदिर के कपाट
यहां आने का यह सिलसिला अगले 10 दिनों तक जारी रहेगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए राज्य सरकार और मंदिरों की ओर से निर्देश दिए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। जहां मंदिर परिसर को कोलावाला टोबा से 09 सेक्टरों में बसाया गया है, वहीं चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल, महिला पुलिस और महिला पुलिस बल की तैनाती की गई है। वोडाफोन को सेक्टर प्रभारी नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही पुलिस कप्तान बिलासपुर खुद मेला सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
इनके अलावा असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए पूरे मंदिर परिसर में स्टूडियो कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ ही अंपायरों के जरिए भी हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। इसके साथ ही शरद ऋतु के 10 दिवसीय महोत्सव के दौरान मंदिर परिसर में साफ-सफाई, स्वच्छ पेयजल और व्रती लंगर की भी व्यवस्था की गई है।
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