India News HP(इंडिया न्यूज)Shimla Masjid News: हिमाचल प्रदेश ‘देवभूमि संघर्ष समिति’ ने राज्य के सभी 12 जिलों के मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। शिमला में भी आज (28 सितंबर) देवभूमि संघर्ष समिति ने प्रदर्शन किया। देवभूमि संघर्ष समिति ने संजौली में मस्जिद के उस हिस्से को सील करने की मांग उठाई है जिसे अवैध बताया जा रहा है। इसके अलावा एआईएमआईएम नेता शोएब जामई के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।
देवभूमि संघर्ष समिति का कहना है, “शिमला के किसी अन्य व्यक्ति को मस्जिद की तरफ देखने तक नहीं दिया जा रहा है, हालाँकि बाहरी राज्य का एक नेता आकर मस्जिद में घुस जाता है और माहौल खराब करने की कोशिश करता है। बावजूद इसके पुलिस ने उस नेता के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।”
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इस दिन शुरू होगा ‘जेल भरो आंदोलन’
देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक एडवोकेट भारत भूषण ने कहा, “राज्य सरकार को जल्द से जल्द समिति की मांगों को पूरा करना होगा। अगर 5 अक्टूबर को शिमला नगर निगम के आयुक्त की अदालत से जनभावनाओं के अनुरूप फैसला नहीं आता है तो उसके बाद ‘जेल भरो आंदोलन’ शुरू किया जाएगा।”
भारत भूषण ने कहा, ‘वे सभी अपने परिवारों के साथ जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे। इतना ही नहीं देवभूमि संघर्ष समिति के कार्यकर्ता अपने जानवरों के साथ भी जेल भरो आंदोलन में पहुंचेंगे। जब तक मस्जिद को लेकर नगर आयुक्त की अदालत से कोई निर्णय नहीं आता, तब तक इस मस्जिद के अवैध हिस्से को सील कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बाहरी राज्यों से आने वाले लोग यहां का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। बाहरी राज्यों से लोगों की बढ़ती आमद के कारण राज्य में अपराध दर में भी बढ़ोतरी हो रही है।
‘बाहरी लोगों का सत्यापन होना चाहिए’
देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक मदन ठाकुर ने कहा, बाहरी राज्यों से आने वाले लोग यहां का माहौल खराब कर रहे हैं। बाहरी राज्यों से हिमाचल प्रदेश आने वाले लोगों का सत्यापन किया जाना चाहिए। बाहरी राज्यों से आने वाले लोग गुंडागर्दी करते हैं और इससे यहां का माहौल खराब होता है।”
मदन ठाकुर ने आरोप लगाया कि “कई जगहों पर ऐसे मामले सामने आए हैं जहां छोटी बच्चियों को 50 रुपये किलो, महिलाओं को 60 रुपये किलो और पुरुषों को 80 रुपये किलो फल बेचे जा रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर फल इतने अलग-अलग दामों पर क्यों बेचे जा रहे हैं? उन्होंने कहा कि इसके पीछे एक बड़ी साजिश है और इसे समझने की आवश्यकता है।