India News HP (इंडिया न्यूज़), Unemployment in HP: हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या एक गंभीर मुद्दा बन गई है। हाल ही में जारी एक रिकॉर्ड के अनुसार, प्रदेश में सात लाख से अधिक युवा नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है और प्रदेश की वर्तमान स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में सदन में इस बात का खुलासा किया, जिसमें 2021 से 2022 के बीच बेरोजगारी की स्थिति का विस्तार से विवरण दिया गया।

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तेजी से बढ़ी बेरोजगारी

रिकॉर्ड के अनुसार, 2022 से 2023 के बीच बेरोजगारी की दर 4.0 प्रतिशत से बढ़कर 4.4 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह बढ़ोतरी चिंता का विषय है और राज्य की रोजगार व्यवस्था पर सवाल उठाती है। इस रिकॉर्ड में पंजीकृत बेरोजगार युवाओं की संख्या भी शामिल है, जो अपनी आजीविका की तलाश में सरकारी कार्यालयों में पंजीकरण करवा चुके हैं। बता दें कि राष्ट्रीय रोजगार सेवा नियमावली के तहत, 14 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी युवा रोजगार के लिए किसी भी कार्यालय में अपना नाम पंजीकृत करवा सकता है।

प्रदेश के लिए एक चुनौती

यह नियमावली राज्य में रोजगार की समस्या को हल करने का एक प्रयास है, लेकिन इतने बड़े स्तर पर बेरोजगारी का सामने आना यह बताता है कि राज्य में रोजगार के अवसर सीमित हैं और युवाओं को पर्याप्त नौकरियाँ नहीं मिल पा रही हैं। देखा जाए तो ये प्रदेश सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वह कैसे इस समस्या का समाधान करेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी।

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