इंडिया न्यूज नई दिल्ली।
देश में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है इंडिया न्यूज मंच देश के सभी मुद्दों को लेकर राजधानी दिल्ली के इम्पीरियल होटल में गुरुवार को मंच प्रदान किया। जिसमें पहला सेशन कितने रण में है हिंदुस्तान से आरम्भ किया गया।
1971 के युद्ध में बांग्लादेश ने मदद मांगी और हमने उनकी मदद की। बांग्लादेशी आवाम ने भी हमारा साथ दिया 95 हजार सैनिकों को सरेंडर कराया। पाकिस्तान इस युद्ध को नही भूल सकता। देश की फौज, आर्थिक मजबूती और सषक्त लीडरशिप की वजह से यह युद्ध एक सप्ताह में खत्म कर दिया। थल सेना, वायुसेना और जल सेना से संयुक्त रूप से काम किया।
प्रौक्सीवार आरम्भ है। साइबर वार का चलन हो रहा है। जिससे सावधान रहने की आवश्यकता है। सभी देश अपनी काबिलियत को बढ़ाने की कोशिश कर रहे है। साइबर अटैक से भी हम लोगों को बचाना है इसका जवाब भी देना है। देश की व्यापक शक्ति को बढाना है और सेना का आधुनिकीकरण बनाने की और भी अधिक प्रयास करने होंगे।
पाकिस्तान के साथ बातचीत हो सकती है लेकिन आतंक को उसे छोड़ना पड़ेगा, लेकिन वह ऐसा नही कर सकता। वह हमेशा कहता है कि उसकी जमीन से आतंक नही पैदा हो रहा है। लेकिन उसकी हकीकत पूरी दुनिया को पता है। हमने पहले ही कहा था कि हमें सीडीएस की जरूरत है। मोदी सरकार ने सीडीएस की कमी को पूरा किया। तीनों सेनाओं को एक-दूसरे विभाग में भेजने की वकालत भी मैने किया था कि सभी सेना के जवानों को एक-दूसरे को समझें और जिससे उनका ज्ञानवर्धन हो। भारतीय सेना हर मोर्च पर युद्व लड सकती और जीत हासिल कर सकती है। 1971 के युद्व में कम्यूनिकेशन की कमी थोड़ी थी। सीडीएस बनाने का सुझाव सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने दिया था ताकि तीनों सेनाओं का कम्यूनिकेशन बन सके और युद्व के दौरान थल, वायु और जल सेना सही जानकारी और सटीक निशाना लगा सके।
मैं सबसे पहले 16 दिसम्बर विजय दिवस की देशवासियों को बधाई देता हूं। तीनों फौजों का साझा कम्यूनिकेशन बेहद बेहतर था। जिसकी वहज से यह जीत मिली 13 दिन के अंदर हम लोगों ने जीत हासिल कर ली। इंडियन वायु सेना ने थल सेना के सैनिकों को तमाम नदियों को पार कराया। पाकिस्तान लगातार टैंक से हमला कर रहा था। लेकिन हमारी फौज ने दुश्मन के 45 टैंकों को नेस्तनाबूत कर दिया। हां मैं कह सकता हूं कि पाकिस्तान कभी नहीं सुधरेगा, लेकिन यह हार पाक के लिए सबसे बडी
2001 में संसद पर हमला किया, उरी में हमला किया। उसे घर में घुस कर मारने की जरूरत है। पाकिस्तान आर्थिक रूप से बर्बाद हो चुका है। चाइना उसे कर्ज में डूबो रहा है और पाकिस्तान की जमीन को कब्जा कर रहा है।
इंडिया की ग्राउंड फोर्स 3 लाख सीमा पर है और चाइना की फोर्स लगभग एक लाख है। हां मैं यह कह सकता हूं कि रशिया ने हमें हथियार दिए, लेकिन टेक्नोलॉजी नहीं दी। अब इंडिया हर तरह की मिसाइल बना रहा है। ब्रह्मोस, अग्नि आदि मिसाइल बना रहा है। अब इंडिया मिसाइल और गन दूसरे देशों को भी बेच रहा है और आने वाले समय में और भी अधिकांश देश भारतीय हथियारों को खरीदेंगे। पहले हम हथियार बेचने की स्थिति में नहीं थे। आज आत्मनिर्भर भारत के तहत कई प्रोजेक्ट इस काम में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
भारतीय की सीमा चाइना, बंगलादेश, पाक लगी हुई है। इंडिया पांचवा युद्व लड़ चुका है पहले 24 साल में तीनों सेनाओं का काफी अच्छा प्रदर्षन रहा है और उनमें तजूरबा अधिक था, क्योंकि वे कई युद्वों को लड़ चुके थे। लेकिन चाइना, पाकिस्तान के साथ युद्व करने के तरीके बदल चुके हैं। चाइना ने भारत की जमीन पर कब्जा करने की खबरें आई लेकिन भारतीय सीमा पूरी तरह सुरक्षित है। चाइना बॉर्डर भारतीय सेना मुस्तैद है। वह हर परिस्थिति से निपट सकती है। बॉर्डर एरिया में चाइना गांव बसाने की कोशिश कर रहा है लेकिन उनके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे और उसे मुंह की खानी होगी।
अब बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने की टेक्नोलॉजी को बढ़ाना होगा और सेना के हथियारों को आधुनिक बनाने के लिए और भी अधिक प्रयास करने होंगे।
Also Read : Kulgam Encounter 2 आतंकवादी किए ढेर
Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.