होम / Nuclear Weapons: संयुक्त राष्ट्र में आमने-सामने होंगे अमेरिका-रूस, अंतरिक्ष में परमाणु हथियार बनी वजह – India News

Nuclear Weapons: संयुक्त राष्ट्र में आमने-सामने होंगे अमेरिका-रूस, अंतरिक्ष में परमाणु हथियार बनी वजह – India News

Raunak Kumar • LAST UPDATED : April 24, 2024, 4:21 am IST

India News (इंडिया न्यूज), Nuclear Weapons: अमेरिका और रूस बुधवार (24 अप्रैल) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों को लेकर आमने-सामने होने वाले हैं। जिसमें बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ को रोकने के लिए देशों से आह्वान करने वाले अमेरिकी-मसौदा प्रस्ताव पर मतदान होना है। कुछ राजनयिकों ने बताया कि रूस द्वारा मसौदा प्रस्ताव को रोकने की उम्मीद है। अमेरिका का यह कदम मॉस्को पर अंतरिक्ष में स्थापित करने के लिए एक एंटी-सैटेलाइट परमाणु हथियार विकसित करने का आरोप लगाने के बाद आया है। वहीं इस आरोप को लेकर रुसी रक्षा मंत्री ने साफ इनकार किया है। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड और जापान के यामाजाकी काजुयुकी ने शुक्रवार (19 अप्रैल) को एक संयुक्त बयान में कहा कि वे छह सप्ताह से मसौदा पाठ पर सुरक्षा परिषद के सदस्यों के साथ बातचीत कर रहे हैं।

अंतरिक्ष में परमाणु हथियार को लेकर बढ़ा टेंशन

बता दें कि अंतरिक्ष संधि का पालन करने के लिए राज्यों के दायित्व की पुष्टि करता है। देशों से बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग और बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ की रोकथाम के उद्देश्य में सक्रिय रूप से योगदान करने का आह्वान करता है। साल 1967 की बाह्य अंतरिक्ष संधि हस्ताक्षरकर्ताओं जिसमें रूस और अमेरिका भी शामिल है। उनको पृथ्वी के चारों तरफ कक्षा में परमाणु हथियार या सामूहिक विनाश के किसी अन्य प्रकार के हथियार ले जाने वाली किसी भी वस्तु को रखने से रोकती है। रूस और चीन पहले परिषद में संशोधन के लिए मतदान कराने की योजना बना रहे हैं। यह संशोधन बाहरी अंतरिक्ष में किसी भी हथियार और धमकियों या बाहरी अंतरिक्ष वस्तुओं के खिलाफ बल के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाली संधि के लिए जोड़ी द्वारा साल 2008 के प्रस्ताव को प्रतिध्वनित करता है।

Israel India Relations: ‘भारत का राजदूत और दूतावास साल 1992 तक इजरायल में क्यों नहीं था’, एस जयशंकर ने पूछा सवाल – India News

राजनयिकों ने क्या कहा?

दरअसल राजनयिकों ने कहा कि संशोधन को अपनाए जाने की उम्मीद नहीं है। संशोधन और मसौदा प्रस्ताव प्रत्येक के पक्ष में कम से कम नौ वोटों की आवश्यकता होती है। अगर रूस, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन या फ्रांस द्वारा कोई वीटो नहीं किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे संशोधन के बिना दिसंबर 2023 में अपनाए गए महासभा प्रस्ताव के आधार पर, अमेरिका द्वारा पेश किया गया पाठ असंतुलित, हानिकारक और राजनीतिकरण वाला होगा। संयुक्त राष्ट्र के उप रूसी राजदूत दिमित्री पॉलानस्की ने कहा कि यह बाहरी अंतरिक्ष संधि को भी कमजोर कर देगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र से संबंधित सभी प्रश्नों पर इस संधि के सदस्य देशों की पूर्ण सदस्यता द्वारा विचार किया जाना चाहिए, न कि केवल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों द्वारा।

Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष बोले, ‘पीएम मोदी मुझे दें मिलने का समय, उन्हें समझाऊंगा कांग्रेस का घोषणापत्र’ – India News

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.