India News (इंडिया न्यूज), Economic Crisis: पाकिस्तान इस समय भयंकर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। अपने सकल घरेलू उत्पाद के 42% के बराबर $124.5 बिलियन के विदेशी ऋण के साथ गंभीर आर्थिक स्थिति का सामना करने के बावजूद पड़ोसी मुल्क लगातार अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार कर रहा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 और 2023 के बीच चीन ने पाकिस्तान के हथियारों के आयात का 82% हिस्सा लिया। जो दोनों देशों के बीच गहरे सैन्य संबंधों को दर्शाता है। चीन लड़ाकू जेट, युद्धपोत, मिसाइल तकनीक, ड्रोन आदि प्रदान करके पाकिस्तान की सेना को मजबूत करने में दृढ़ता से योगदान दे रहा है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की साल 2015 की पाकिस्तान यात्रा के दौरान चीन द्वारा पाकिस्तान के लिए आठ हैंगर श्रेणी की पनडुब्बियों का निर्माण करने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता किया गया था। जिससे उसकी नौसैनिक शक्ति में वृद्धि हुई। पाकिस्तानी नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल नवीद अशरफ ने कहा कि पनडुब्बियां क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। यह पाकिस्तान-चीन की मित्रता में एक नया आयाम जोड़ेगी। सैन्य वृद्धि के बीच पाकिस्तान एक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। जो पिछले साल की विनाशकारी बाढ़ से और भी गंभीर हो गया है। जिसके कारण सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का अनुमान 5% से घटकर 0.29% हो गया है।
बता दें कि बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के पास अपने लोगों के लिए भोजन नहीं है लेकिन वह हथियार खरीदता है। राष्ट्रीय बजट रक्षा खर्च में 15.4% की वृद्धि दर्शाता है। जो कुल 1804 अरब रुपये है, जबकि देश आसमान छूती मुद्रास्फीति और व्यापक गरीबी से जूझ रहा है। आर्थिक कठिनाइयों के कारण जनता में असंतोष फैल गया है। पाकिस्तानी मीडिया ने भोजन और दवाओं जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की गंभीर कमी की रिपोर्ट दी है। कई लोगों का मानना है कि पाकिस्तान में असली शक्ति सेना के पास है, जो राष्ट्रीय बजट के एक महत्वपूर्ण हिस्से पर नियंत्रण रखती है और विशाल राजस्व पैदा करने वाले उद्यमों का संचालन करती है।
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