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Bipin Rawat Helicopter Accident Eyewitness चश्मदीदों ने क्रैश होते एमआई17 से निकलते देखे जलते हुए लोग

Amit Gupta • LAST UPDATED : December 10, 2021, 12:48 pm IST

Bipin Rawat Helicopter Accident Eyewitness चश्मदीदों ने क्रैश होते एमआई17 से निकलते देखे जलते हुए लोग

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :

सेना का एमआई 17 हेलिकाप्टर (IAFMi-17V5 helicopter) 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में क्रैश हो गया। जानकारी के अनुसार हेलिकाप्टर में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका सहित 14 लोग सवार थे।

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जनरल रावत के आखिरी पल: देश के लिए इतना कुछ किया, आखिरी समय में पानी तक न हुआ नसीब military helicopter crash eyewitness

जनरल रावत का आखिरी पल: वो बुरी तरह घायल थे, पानी मांगा; अफसोस देश के लिए इतना कुछ करने वाले को पानी तक नहीं दे पाया, रातभर सो नहीं सका हादसे के दूसरे दिन जनरल बिपिन रावत के आखिरी पल की कहानियां सामने आ रही हैं।

कई ऐसे चश्मदीद हैं, जिन्होंने घायल जनरल रावत को देखा, पर पहचान न सके। ऐसे ही एक शख्स ने बताया कि हादसे के बाद एक आदमी बेहद घायल दिखा। जिंदा था, पानी मांग रहा था। लेकिन हमारे पास देने को पानी तक नहीं था। बाद में पता चला कि वह घायल व्यक्ति जनरल बिपिन रावत थे। इसका मुझे ऐसा सदमा लगा कि रातभर सो नहीं सका। सोचिये एक इंसान जिसने देश के लिए इतना कुछ किया हो, उसे आखिरी समय में पानी तक न नसीब हो।

पहला चश्मदीद: फोटो देखी तो पता चला कि वो कौन हैं

कुन्नूर के रहने वाले कॉन्ट्रैक्टर शिवकुमार हादसे के समय नीलगिरी की पहाड़ियों पर चाय बागान में काम करने वाले अपने भाई से मिलने गए थे। शिवकुमार ने बताया, ‘मैंने देखा आग की लपटों में घिरा हेलिकॉप्टर गिर रहा था। धुएं और इलाके की वजह से घटनास्थल पहुंचने में मुश्किल हुई। तीन बॉडी जलते हुए हेलिकॉप्टर से गिरीं। जब वहां पहुंचे तो दो बॉडी हेलिकॉप्टर के बाहर पड़ी हुई थीं। वे इतना जल गए थे कि पहचानना भी मुश्किल था।

एक आदमी जिंदा था। हमने उससे कहा कि परेशानी की बात नहीं है। हम मदद के लिए आए हैं। उसने पीने के लिए पानी मांगा। इसके बाद एक चादर में रेस्क्यू टीम और लोकल लोग उस आदमी को लेकर चले गए। 3 घंटे बाद किसी ने मुझे उस व्यक्ति की फोटो दिखाई। बताया कि जिस आदमी से तुम बात कर रहे थे, वो जनरल बिपिन रावत हैं। मुझे भरोसा नहीं हुआ कि जिस आदमी ने देश के लिए इतना कुछ किया, उसे पानी भी नहीं मिल सका। यह सोचकर मैं रातभर सो नहीं पाया।’

दूसरा चश्मदीद: मेरे घर के करीब ही जल रहा था हेलिकॉप्टर

मौके पर मौजूद शंकर ने कहा, ‘मेरे घर से महज 2 मीटर दूर चॉपर क्रैश हुआ। किस्मत थी कि मैं और बच्चे वहां नहीं थे। जलते हुए हेलिकॉप्टर के आसपास स्थित घरों में भी कोई नहीं था। हादसे के बाद पुलिस ने 500 मीटर के पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी। वहां रहने वालों के अलावा किसी को भी जाने की इजाजत नहीं थी। इंडियन एयरफोर्स के अफसर चॉपर के टुकड़े बटोर रहे थे।’

तीसरा चश्मदीद: पेड़ों में फंसे हेलिकॉप्टर में आग लगी और गिर गया

पी चंद्रिकाकुमार ने बताया, ‘दोपहर का वक्त था, तभी मैंने आवाज सुनी। मैं घर के बाहर भागा और देखा कि एक हेलिकॉप्टर पेड़ों में फंस गया है। इसके बाद उसमें आग लग गई और वह नीचे गिर पड़ा। मैंने कुछ लोगों को चीखते हुए भी सुना था।’

चौथा चश्मदीद: एक आदमी मदद के लिए चिल्ला रहा था

घटनास्थल के करीब ही रहने वाले एस दास ने बताया कि हादसे के बाद वहां का टेम्परेचर काफी बढ़ गया था। हम लोग समझ नहीं पा रहे थे कि क्या करें। हमने पेड़ों की टहनियां टूटने की आवाज सुनीं। एक आदमी मदद के लिए चिल्ला रहा था। उसके बाद ऐसा धमाका हुआ जैसे सिलिंडर फटा हो।

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Indian Air Force helicopter: पता चला है कि हादसा जिस इलाके में हुआ, वहां गहरी धुंध थी। फिलहाल तो हादसे की सबसे बड़ी वजह मौसम को ही माना जा रहा है। इस मामले में कुछ चश्मदीद भी सामने आए हैं। इन्होंने बताया कि हेलिकाप्टर बहुत तेजी से पेड़ों पर गिरा और इसमें भयंकर आग लग गई। दूसरे चश्मदीद के अनुसार उसने जलते हुए लोगों को हेलिकाप्टर से गिरते देखा।

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स्थानीय लोग पहुंचे मदद के लिए

घटना के एक चश्मदीद कृष्णास्वामी के अनुसार उसने उस समय एक जोरदार धमाका सुना जब वह अपने घर पर था। उसने एकदम से बाहर आकर देखा कि एक हेलिकाप्टर क्रैश हुआ है।

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वह कई पेड़ों से टकराया और उसमें भयंकर आग लग गई। मैंने 2-3 ऐसे लोगों को हेलिकाप्टर से निकलते देखा जिनके शरीर आग की लपटों में घिरे थे। कृष्णास्वामी ने उस इलाके में रहने वाले लोगों को बुलाकर मदद की कोशिश की। इसके बाद फायर ब्रिगेड और इमरजेंसी सर्विसेज को सूचना दी गई।

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घटनास्थल के पास ही है कृष्णास्वामी का घर

घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाले कृष्णास्वामी के मुताबिक जिस जगह हेलिकाप्टर गिरा, वहां से उनका घर महज 100 मीटर दूर है। घटना दोपहर करीब 12:20 बजे हुई। कृष्णास्वामी के अनुसार उसे जैसे ही आवाज सुनाई दी, वह उसी दिशा में भागा। उसने देखा कि मौके पर सिर्फ आग और धुआं ही था। आग की लपटें इतनी भयंकर थीं कि वह उसके घर की ऊंचाई से ज्यादा ऊपर तक जा रही थीं

कुमार ने दौड़कर पुलिस को सूचना दी

इलाके में रहने वाला कुमार नामक लड़का दौड़कर पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना देने गया। पेड़ों के बीच गिरे हेलिकाप्टर में से 2-3 लोग तो बाहर गिरते भी दिखे। सभी के शरीर पर आग लगी हुई थी।

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अब सवाल भारत की प्रतिष्ठा का भी है। ‘जो हेलिकॉप्टर एमआई-17 दुर्घटनाग्रस्त हुआ है उसकी लंबाई 8.46 मीटर की है। ऊंचाई 5. 65 मीटर की। उसका वजन 7,487  है। 280 किलोमीटर की प्रति घंटा रफ्तार से चलने वाला और क्षमता 24 जवान/12 स्ट्रेचर की है ‘ देश और दुनिया ये तो पूछेगी है कि जो भारत अपने सबसे शीर्ष जनरल को अति उन्नत हेलिकॉप्टर में सिर्फ 50 किलोमीटर का सुरक्षित सफर नहीं करवा सकता वो भारत को बाहरी ताकतों से सुरक्षित रखने का दावा कैसे कर सकेगा?

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