छठ का ये पर्व भारत के कुछ कठिन पर्वों में से एक है जो कि 4 दिनों तक मनाया जाता है। इस त्योहार में 36 घंटे निर्जला व्रत रख कर सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है, इस व्रत को मनोकामना पूर्ति के लिए भी किया जाता है। इस बार छठ पूजा रविवार, 30 अक्तूबर को है। ऐसा माना जाता है की ये व्रत परिवार की खुशहाली, स्वास्थ्य और संपन्नता के लिए रखा जाता है।
28 अक्टूबर- नहाय खाय
29 अक्टूबर- खरना
30 अक्टूबर- डूबते सूर्य को अर्घ्य
31 अक्टूबर- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य
कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि की शुरूआत- 30 अक्टूबर 2022, सुबह 05:49
कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि समाप्त- 31 अक्टूबर 2022, सुबह 03:27
सूर्यास्त का समय- सायं 5:37
1.पूजा के सभी सामान को छोटे बच्चों से दूर रखें।
2.पूजा खत्म होने से पहले बच्चों को प्रसाद न खानें दें।
3.छठ पूजा दौरान व्रती या परिवार के सदस्यों के साथ कभी भी अभद्र भाषा का प्रयोग ना करें।
4.छठ मैय्या का व्रत रखने वाली महिलाएं चार दिनों तक पलंग या चारपाई पर सोने की जगह जमीन पर ही कपड़ा बिछाकर सोएं।
5.छठ पर्व में व्रती के साथ ही पूरे परिवार सात्विक भोजन खाएं।
6.पूजा की कोई भी चीज छूने से पहले हाथ जरूर धो लें।
7.छठ पूजा के इस पर्व के दौरान गलती से भी फल ग्रहण न करें।
8.सूर्यदेव को अर्घ्य देने के लिए तांबे या कांसे का बर्तन ही इस्तेमाल करें।
9.छठ का प्रसाद ऐसी जगह बनाएं जहां पहले से खाना न बनता हो।
10.छठ पूजा में स्वच्छ वस्त्र ही पहनें।
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