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Corona Male fertility कोरोना से प्रभावित हो रही पुरुषों की प्रजनन क्षमता

Sameer Saini • LAST UPDATED : December 26, 2021, 12:36 pm IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :

Corona Male fertility देश में 2020 से आई कोरोना महामारी को लेकर लोगों में इलाज को लेकर आए दिन ही कई तरह के नुस्खे वायरल हो रहे हैं लेकिन उनमें से कुछ चीजें सेहत के लिए सही होती हैं तो कुछ नुकसानदायक। जैसे की अब वैक्सीन को लेकर इंटरनेट पर तमाम तरह की अफवाहें उड़ रही हैं। पिछले दिनों एक पोस्ट खूब वायरल हुआ जिसमें दावा किया गया कि महिलाओं को पीरियड के पांच दिन पहले और पांच दिन बाद वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए। हाल ही में आईं कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि वैक्सीन की डोज पुरुषों के स्पर्म को भी इफेक्ट करता है।

बता दें अब तक की गई स्टडी इस बात को दिखाती है कि कोरोना संक्रमित होने वाले व्यक्तियों के स्पर्म पर इसका असर पड़ता है। इतना ही नहीं कोरोना से उबरने के महीनों बाद भी स्पर्म पर असर बरकरार रहता है।

कोरोना से स्पर्म को क्या नुकसान?

  • हाल ही में बेल्जियम में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि कोरोना वायरस पुरुषों के स्पर्म काउंट को घटा सकता है। फर्टिलिटी एंड स्टर्लिटी जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में बेल्जियम के 120 पुरुषों के सैंपल लिए गए थे, जिनकी औसत उम्र 35 वर्ष थी और कोरोना से उबरे कम से कम एक हफ्ते और औसतन 53 दिन हो चुके थे। (Corona Male fertility)
  • स्टडी में पाया गया कि जिन पुरुषों को कोविड-19 से संक्रमित हुए एक माह से कम हुआ था, उनका स्पर्म काउंट 37 फीसदी घट गया था। जिन पुरुषों को कोरोना संक्रमित हुए एक से दो माह हुए थे, उनके भी स्पर्म काउंट में 29 फीसदी की कमी देखी गई। जबकि दो महीने बाद स्पर्म काउंट में 6 फीसदी कमी देखी गई। इस स्टडी में शामिल पुरुषों में कोरोना की वजह से न केवल उनके स्पर्म काउंट बल्कि स्पर्म मोटिलिटी (शुक्राणु गतिशीलता) पर भी असर पड़ा। जिन पुरुषों को कोरोना संक्रमित हुए एक महीने से कम हुआ था उनकी स्पर्म मोटिलिटी 60 फीसदी तक घट गई थी।
  • इसी तरह जिन पुरुषों को कोविड से संक्रमित हुए एक से दो माह हुए थे उनकी स्पर्म मोटिलिटी 37 फीसदी और कोविड इंफेक्शन से उबरे हुए दो महीने बाद भी स्पर्म मोटिलिटी में 28 फीसदी की कमी देखी गई। रिसर्चर्स ने माना कि इस बात के पक्के प्रमाण हैं कि कोरोना यौन संबंध के जरिए नहीं फैलता। यानी कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति के सीमन से वायरस नहीं फैलता।
  • कोरोना संक्रमित हो चुके व्यक्ति के सीमन में कोरोना की मौजूदगी यानी, वायरस का आरएनए नहीं पाया गया। रिसर्चर्स ने कहा कि इस बात के लिए अभी और स्टडी करने की जरूरत है कि क्या कोरोना बच्चे पैदा करने की क्षमता पर दीर्घकालिक असर डाल सकता है या नहीं।
  • जिन पुरुषों के ब्लड सीरम में कोविड-19 एंडीबाडीज की मात्रा जितनी ज्यादा थी उसका सीधा संबंध शुक्राणुओं के कम फंक्शनिंग से संबंधित था। यानी स्पर्म के फंक्शन पर असर कोविड के खिलाफ शरीर के इम्यून सिस्टम के रिऐक्शन (एंटीबॉडीज बनने) से पड़ा न कि वायरस की वजह से होने वाले बुखार से। कोविड-19 संक्रमण की गंभीरता से स्पर्म काउंट पर असर नहीं दिखा। यानी कोरोना संक्रमण की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले और जिन्हें हल्के लक्षण थे, दोनों की ही स्पर्म क्वॉलिटी एक जैसी ही थी। (Corona Male fertility)

पुरुषों की बच्चा पैदा करने की क्षमता पर असर?

स्टडी में कोरोना संक्रमित पुरुषों के स्पर्म पर प्रभाव को लेकर दो बातें सामने आईं-एक उनका स्पर्म काउंट घटा और दूसरा उनकी स्पर्म मोटिलिटी भी प्रभावित हुई। यहां तक कि जिन पुरुषों को कोरोना से ठीक हुए दो माह से ज्यादा हो चुके थे, उनके स्पर्म पर असर दिखा। पुरुष के पिता बनने में स्पर्म सबसे अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में कंसीव करने की योजना बना रहे कपल के लिए पुरुष पार्टनर के स्पर्म का स्वस्थ होना जरूरी है।

क्या है स्पर्म काउंट?

पुरुष प्रजनन सिस्टम स्पर्म या शुक्राणु बनाता है जो प्रत्येक अंडकोष के भीतर सीमन नलिकाओं में बनता है। स्पर्म के शीर्ष हिस्से पर डीएनए होता है, जो महिला के अंडे के डीएनए के साथ मिलकर बच्चे का निर्माण करता है। वैस तो हेल्दी स्पर्म के लिए छह क्राइटेरिया हैं, लेकिन उनमें से जो दो सबसे अहम हैं, वो हैं स्पर्म काउंट और स्पर्म मोटिलिटी।

स्पर्म काउंट, यानी पुरुष के सीमन (वीर्य) में प्रति मिली लीटर (एमएल) में स्पर्म की संख्या। एक हेल्दी स्पर्म काउंट तब माना जाता है जब सीमन के प्रति एमएल में 1.5 करोड़ से 20 करोड़ स्पर्म होते हैं। अगर किसी पुरुष में प्रति एमएल 1.5 करोड़ से कम स्पर्म और प्रति इजैक्यूलेशन (वीर्यपात) में 3.9 करोड़ से कम स्पर्म हैं तो वह लो स्पर्म काउंट से पीड़ित है। आपको बता दें कि भले ही एक मिली लीटर सीमन में ही करोड़ों स्पर्म मौजूद होते हैं, लेकिन बच्चा पैदा करने के लिए एक एग से फर्टिलाइज करने के लिए केवल एक ही स्पर्म की जरूरत होती है। (Corona Male fertility)

स्पर्म मोटिलिटी क्यों जरूरी?

  • पिता बनने के लिए पुरुषों में न केवल हेल्दी स्पर्म काउंट जरूरी है बल्कि स्पर्म मोटिलिटी यानी शुक्राणु की गतिशीलता उतनी जरूरी होती है। स्पर्म मोटिलिटी फीमेल एग तक पहुंचने के लिए स्पर्म के ठीक तरह से मूवमेंट को दिखाता है।

  • स्पर्म का सबसे महत्वपूर्ण गुण उसके तैरते रहने की क्षमता होती है। स्पर्म तब तक तैरता रहता है जब तक कि वह किसी एग को फर्टिलाइज करने के लिए उसके पास तक नहीं पहुंच जाता। किसी पुरुष में हेल्दी स्पर्म मोटिलिटी के लिए स्पर्म का कम से कम 25 माइक्रोमीटर प्रति सेकेंड की दर से मूव करना आवश्यक होता है। अगर स्पर्म पांच माइक्रोमीटर प्रति सेकेंड से कम से मूवमेंट करे तो वह पुरुष लो स्पर्म मोटिलिटी से पीड़ित होता है।
  • यानी ये स्टडी पुरुषों की बच्चा पैदा करने की क्षमता प्रभावित होने की आशंका की ओर इशारा करती है। ऐसे में इस स्थिति से बचने के लिए पुरुषों को जितना संभव हो खुद को कोरोना संक्रमण से बचाए रखने और वैक्सीनेशन करवाने की कोशिश करनी चाहिए।
Corona Male fertility

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