क्या आपका बच्चा खेलने कूदने में रूचि न लेकर चुपचाप बैठा रहता है और अगर खेलने जाता भी है तो जल्दी थकान महसूस करने लगता है। तो संभव है कि बच्चा शारीरिक रूप से स्वस्थ न हो बच्चे कमजोरी के कारण भी इस तरह का बर्ताव करते हैं। मांसपेशियों में कमजोरी होने के कारण बच्चों को न केवल खेलने, बल्कि चलने में भी दिक्कत हो सकती है। आपका बच्चा शारीरिक तौर पर कमजोर है या नहीं इसका पता लगाने के लिए बच्चों में वीकनेस के कुछ लक्षण और इसके उपाय जान लिजिए-
अगर बच्चा बार बार सिरदर्द होने की बात कह रहा है तो इसे अंदरूनी तौर पर अस्वस्थ होने के संकेत माने जाते हैं। कई बार खेलने या किसी काम को करने के दौरान बच्चे की हृदय गति बढ़ जाती है और उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगती है तो इसे भी अस्वस्थ होने संकेत माना जाता है।
कई बार पोषण की कमी के कारण बच्चों के पैरों में भी कमजोरी आ जाती है। दौड़ने कूदने की उम्र में बच्चे अच्छे से चल फिर भी नहीं पाते और अक्सर पैरों में दर्द होने की शिकायत करते रहते हैं। बच्चों को खड़े होने, दौड़ने और कूदने में मुश्किल होती है। यह कैल्शियम की कमी का संकेत हो सकता है।
बच्चे में कमजोरी होने पर सबसे पहले बच्चे का चेहरा सूखने, होठ फटने और आंखों के नीचे काले घेरे आने लगते है। उन्हें बोलने, निगलने और चूसने में भी दिक्कत होने लगती है।
1.बच्चों में कमजोरी के लक्षण दिखें तो उन्हें सबसे पहले डॉक्टर के पास ले जाएं।
2.बच्चों को पौष्टिक आहार दें, जिस में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हो।
3.बच्चे को हाइड्रेट रखने का प्रयास करें।
4.अगर बच्चा किसी तरह की शारीरिक समस्या के बारे में बताए तो उसे बहाना समझकर नजरअंदाज बिल्कुल न करें।
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