India News ( इंडिया न्यूज़ ) Monsoon Season: मई जून-जुलाई तीनों महीना गर्मी के होते हैं लेकिन जुलाई में थोड़ी राहत मिल जाती है, और साथ ही कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। बता दें बरसात के साथ कई प्रकार की संक्रामक बीमारियां बढ़ने लगती हैं, मच्छर जनित रोगों के कारण हर साल हजारों लोगों की मौत हो जाती है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को इस मौसम में सेहत को लेकर विशेष सावधानियां बरतते रहने की सलाह देते हैं। तो आज हम आपको बताते है इस में किन बीमारियों का खतरा बना रहता है।
बरसात के मौसम में तापमान में भारी उतार-चढ़ाव, शरीर को बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के प्रति संवेदनशील बनाता है, जिसके परिणामस्वरूप सर्दी और फ्लू हो सकता है। किसी भी मौसम में बदलाव के साथ फ्लू होना बहुत सामान्य है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उनमें संक्रामक रोगों का खतरा अधिक हो सकता है।
मानसून के मौसम में कई प्रकार की मच्छर जनित बीमारियों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है- मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया उनमें से एक हैं। बारिश में पानी जमा होने से मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल माहौल मिल जाता है, जिसके कारण इन रोगों का खतरा रहता है। जल जमाव वाले क्षेत्रों को साफ रखकर मलेरिया के प्रसार को रोका जा सकता है। इसी प्रकार डेंगू बुखार भी बहुत खतरनाक और जानलेवा हो सकती है।
टाइफाइड बुखार दूषित भोजन और पानी के कारण होता है, जोकि मानसून में काफी सामान्य है। यह साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया से होने वाला संक्रमण है। टाइफाइड में तेज बुखार के साथ पाचन स्वास्थ्य की समस्याएं हो सकती है जिसमें उचित स्वच्छता और साफ-सफाई बनाए रखने और साथ ही साफ पानी पीने की सलाह दी जाती है। बच्चों में यह समस्या अधिक देखी जाती रही है।
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