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Combat Helicopter कारगिल युद्ध के दौरान की कमी अब जाकर हुई पूरी, वायुसेना को पीएम मोदी देंगे विश्व का सबसे हल्का स्वदेशी कॉम्बैट हेलिकॉप्टर

Bharat Mehndiratta • LAST UPDATED : November 18, 2021, 5:32 pm IST

Combat Helicopter
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

केंद्र की सत्ता पर काबिज मोदी सरकार भारत की आजादी के 75वां साल पूरे होने पर देशभर में अमृत महोत्सव आयोजन करवा रही है। यह अमृत महोत्सव कार्यक्रम 2022 तक चलेगा। हालांकि मोदी सरकार देश भर में आयोजित किजे जा रहे अमृत महोत्सव के कार्यक्रम के साथ साथ देश पर कोई आंच ना आए इसको लेकर भी ज्यादा संजिदा है।

केंद्र की सत्ता की बागड़ोर जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ आई है, तब वह लगातार देश की तीनों सेनाओं क्रमश: थल, जल व वायु सेना पहले से और ज्यादा ताकतवर व मजबूत करने का काम कर रहे हैं। इस कड़ी में मोदी सरकार वायु सेना के बेड़े में बहुत जल्द नया उपहार शामिल देने वाले हैं। वायु सेना को यह उपहार प्रधानमंत्री मोदी खुद अपनी मौजूदगी में उत्तर प्रदेश की धरती झांसी से 19 नवबंर को देंगे। इसको को लेकर झांसी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री वायु सेना को जो नया उपहार दे रहे हैं वह दुनिया का सबसे हल्का अपने देश में बना हुआ स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर। इसकी खास बात यह है कि इसको हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (ऌअछ)ने तैयार किया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी सेना को ड्रोन व एडवांस इलेक्टॉनिक वॉरफेयर शूट भी देंगे।

कॉम्बैट हेलिकॉप्टर ही क्यों वायु सेना को ?

साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेनाओं को इस हेलिकॉप्टर की उस समय ज्यादा जरूरत महसूस हुई। उसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि दुश्मन हमसे (भारतीय सेना) कम ताकतवर होने के बावजूद वह ज्यादा ताकतवर था, क्योंकि उसने कारगिल दुर्गम चोटियों पर अपना कब्जा जमाए हुए था।

अगर उम समय यह हेलिकॉप्टर वायु सेना के पास होता तो शायद भारतीय सैनिक की शहादात कम होती और कम समय में यह युद्धा समाप्त हो जाता। लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर खास बात यह है कि नेक्सटर ळऌछ-20 बुर्ज पर 20 मिमी ट621 की तोप लगी हुई है। इसके साथ ही इसमें 70 मिनी ऋे या थेल्स रॉकेट पॉड्स, दो राउंड मिस्ट्रल-2 यानी हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल और क्लस्टर बम, अनगाइडेट बम के अलावा ग्रेनेट लांचर लेगे हुए हैं,जोकि इसको अन्य हेलिकॉप्टर से बेहद खास बनाते है। किसी भी मौसम से उड़ान भरने में यह सक्षम रहते हैं।

आसमान से दुश्मनों के ऊपर नजर रखने की क्षमता भी इसमें बेहद खास है। वर्ष 2006 में वायु सेना को इस हेलिकॉप्टर की जानकारी प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही वायु सेना ने इस काम करना शुरू कर दिया और साल 2015 में इसका ट्रायल किया गया।

इस दौरान इस लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर ने 20-25 हजार फीट तक ऊंचाई भरी। अगर इसके कीमत पर बात करते तों इसकी कीमत 150 करोड़ रुपए है। यह हेलिकॉप्टर 15 फीट ऊंचा व 51 फीट लंबा है। इसमें 5,800 किलोग्राम तक भार लेकर उड़ान भरने में सक्षम है। इसमें 15 फीट का विंगस्पैन है व इसकी गाति 287 किलोमीटर प्रति घंटा है।

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