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Insulin: क्‍या होता है इंसुलिन, कहां और कैसे शरीर में बनता है? जानें कब लेना होता है इंसुलिन – India News

Raunak Kumar • LAST UPDATED : April 23, 2024, 2:59 am IST

India News (इंडिया न्यूज), Insulin: दिल्ली शराब घोटाला के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि डायबिटीज के रोगी होने की वजह से वह जेल प्रशासन से रोज इंसुलिन की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन राजनीतिक दबाव के चलते उनके स्वास्थ्य को लेकर झूठ बोल रहा है। आप संयोजक ने एम्‍स के डॉक्टरों के उस दावे को भी खारिज किया, जिसमें उनका स्‍वास्‍थ्‍य ठीक और चिंता की कोई बात नहीं होने की बात कही गई थी। आइए जानते हैं कि इंसुलिन क्‍या है? इसकी जरूरत क्‍यों और कब पड़ती है?

क्‍या होता है इंसुलिन?

बता दें कि, इंसुलिन एक तरह का हॉर्मोन होता है, जो शरीर के अंदर प्राकृतिक रूप से बनता है। साथ ही ब्‍लड में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने का काम करता है। अधिकतर लोग इंसुलिन को डायबिटीज की वजह से जानते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार अगर शरीर में इंसुलिन का उत्पादन ठीक से नहीं हो या यह अपना काम ठीक से नहीं कर पाए तो व्‍यक्ति शुगर का मरीज बन सकता है। वहीं शुगर के सभी पेसेंट को इंसुलिन की जरूरत नहीं होती है। दरअसल, खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित करने के साथ साथ इंसुलिन शरीर में फैट को सहेजने का काम भी करता है।

दरअसल शरीर इस सहेजे गए फैट का इस्‍तेमाल जरूरत पड़ने पर कर लेता है। शरीर की हर कोशिका तक ऊर्जा पहुंचाने का काम भी इंसुलिन करता है। मनुष्य के शरीर को सक्रीय रखने के लिए इंसुलिन का उत्पादन और इसका अब्जॉर्वशन दोनों ही जरूरी हैं। अगर कोई भी दिक्कत इस प्रक्रिया में होती है तो व्यक्ति थका हुआ और असहाय महसूस करने लगता है।

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कहां और कैसे बनता है इंसुलिन?

बता दें कि, इंसुलिन का उत्पादन अग्‍नाश्य यानी पैनक्रियाज में होता है। साथ ही कार्यक्षमता के आधार पर यह कई तरह का होता है। भोजन करने के बाद जब ब्लड में शुगर और ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है, उस समय बढ़ी हुई शुगर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन का स्राव होता है। दरअसल, जिन लोगों को टाइप-1 डायबिटीज होती है, उनके पैनक्रियाज में इंसुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाएं नष्‍ट होने की वजह से इंसुलिन नहीं बन पाता है। जबकि, जिन लोगों को टाइप-2 डायबिटीज होती है, उनके शरीर में इंसुलिन बनता तो है परंतु प्रभावी नहीं होता है। इस कारण ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन की जरूरत होती है।

बता दें कि, डायबिटीज के मरीजों में शुगर को नियंत्रित करने कि लिए जिस इंसुलिन का इस्‍तेमाल किया जाता है। उसकी कार्यक्षमता शरीर में बनने वाले इंसुलिन से अलग होती है। यह भिन्‍नता इंसुलिन के असर के आधार पर होती है। शुगर के मरीज आमतौर पर इंजेक्शन की मदद से इंसुलिन लेते हैं।

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