इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली :

लोकमत पत्र समूह के संस्थापक तथा प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व। जवाहरलालजी दर्डा (बाबूजी) की जन्मशताब्दी के अवसर पर भारत सरकार उनकी स्मृति में 100 रुपए का सिक्का जारी करने जा रही है। 26 अप्रैल 2022 को वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग ने इस सिक्के को जारी करने का गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इस सिक्के का निर्माण भारत सरकार की मुंबई टकसाल में होगा। बीकानेर के जाने-माने मुद्राशास्त्री सुधीर लुणावत के अनुसार जवाहरलालजी दर्डा की स्मृति में जारी होने वाले 100 रुपए के सिक्के का कुल वजन 35 ग्राम होगा।

44 मिलीमीटर होगी सिक्के की गोलाई

इसमें 50 प्र.श. चांदी, 40 प्र.श. तांबा, 5 प्र.श. निकल और 5 प्र.श. जस्ते का मिश्रण होगा। इस सिक्के की गोलाई 44 मिलीमीटर होगी। सुधीर के अनुसार सिक्के के पृष्ठ भाग पर श्री जवाहरलाल दर्डा के फोटो के ऊपर देवनागरी में ‘श्री जवाहरलाल दर्डा की जन्म शताब्दी’ लिखा होगा। फोटो के बाएं और दाएं 1923-2023 लिखा होगा। वहीं सिक्के के अग्र भाग में अशोक स्तंभ के बाएं ‘भारत’ और दाएं ‘इंडिया’ लिखा होगा। अशोक स्तंभ के नीचे अंकित मूल्य 100 लिखा होगा। सुधीर के अनुसार 2 जुलाई 2023 को जवाहरलालजी दर्डा की जन्म जयंती के दिन इस सिक्के का अनावरण होगा।

संग्रहणीय वस्तु की तरह की जाएगी बिक्री

यह एक स्मारक सिक्का होगा जो कभी भी बाजार में प्रचलन में नहीं आएगा। जारी होने के बाद भारत सरकार की टकसाल द्वारा एक संग्रहणीय वस्तु की तरह इसकी बिक्री की जाएगी। देश-विदेश में बाबूजी के प्रशंसक और सिक्कों के संग्रहकर्ता इसे एक धरोहर के रूप में सहेजकर रख सकेंगे।

स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए जवाहरलालजी दर्डा

बाबूजी के नाम से लोकप्रिय महाराष्ट्र के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर गांधीवादी राजनेता, समाजसेवक, परोपकारी तथा कुशल प्रशासक एवं शिक्षाविद् स्व। श्री जवाहरलालजी दर्डा का जन्म 2 जुलाई 1923 को यवतमाल के एक समृद्ध परिवार में हुआ था। किशोरावस्था में ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रेरित होकर वह स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े थे। आजादी की जंग में उन्होंने कारावास भी भोगा। जवाहरलालजी 1972 से 1995 के बीच 4 बार महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रहे।

महत्वपूर्ण मंत्रालयों की संभाली थी जिम्मेदारी

उन्होंने वसंतदादा पाटिल, ए.आर. अंतुले, शिवाजीराव पाटिल-निलंगेकर, शरद पवार तथा सुधाकरराव नाईक सरकारों में ऊर्जा, उद्योग, सिंचाई, नगर विकास, अन्न व आपूर्ति, वस्त्रोद्योग, पर्यावरण, युवक कल्याण तथा क्रीड़ा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। वह महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष भी रहे। जवाहरलालजी दर्डा को महाराष्ट्र में औद्योगिक क्रांति के सूत्रधार तथा चिकित्सा सुविधाओं में व्यापक सुधार के लिए जाना जाता है।

जवाहरलालजी दर्डा ने सन् 1952 में मराठी साप्ताहिक के रूप में लोकमत की नींव रखी। लोकमत 1971 में नागपुर से दैनिक के रूप में प्रकाशित होने लगा। आज वह महाराष्ट्र तथा गोवा का सर्वाधिक लोकप्रिय मराठी दैनिक है। लोकमत का नागपुर संस्करण इस वर्ष अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा है। जवाहरलालजी का निधन 25 नवंबर 1997 को हुआ।

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