अमित शर्मा, पंचकूला:
18 Oct 2021 Life Imprisonment to Ram Rahim till Death: साध्वी यौन शोषण पत्रकार छत्रपति मर्डर मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने एक बार फिर उम्र कैद की सजा सुना दी है। जिसमें गुरमीत सिंह के साथ-साथ बाकी चार दोषियों को भी उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने अपने आर्डर में गुरमीत सिंह सहित बाकी दोषियों को सजा सुनाने के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया गया है। जिसके चलते गुरमीत सिंह पर 31 लाख तो वहीं बाकी दोषियों पर अलग अलग जुर्माना लगाया गया है।
जिसका 50 प्रतिशत हिस्सा रणजीत सिंह के परिवार वालों को मिलेगा। गुरमीत सिंह को 8 अक्तूबर को ही पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दे दिया था, जिसके बाद से गुरमीत सिंह और बाकी दोषियों को सजा सुनाए जाने पर आखिरी आग्रूमेंट्स सीबीआई कोर्ट में चल रही थी। ऐसे में स्पेशल सीबीआई कोर्ट में सोमवार को बचाव पक्ष की ओर से सभी दलीलों को रखा गया, जिसके अंदर सजा को कम से कम करने के लिए कहा गया। जिसके बाद सोमवार शाम को सीबीआई कोर्ट ने दोषियों को सजा सुना दी।
इस दौरान बड़ी बात यह सामने आई, कि सोमवार सुबह ही शुरू हुई सुनवाई के दौरान गुरमीत सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जब कोर्ट में पेश किए गए, तो वो कुछ समय तक खडे रहे। जिसके बाद वो कुर्सी पर बैठ गए। उसके बाद सुनवाई पूरी होने तक, गुरमीत सिंह ने कई बार हाथ जोडकर अपने सामाजिक कार्यों का हवाला दिया। जिस पर सीबीआई कोर्ट ने उन सभी कामों से संबधित एप्लीकेशन को देखा, जो, गुरमीत सिंह की ओेर से पहले ही दी गई थी। जिस पर कहा गया, कि इन कामों का इस केस से क्या वास्ता है। जिसके बाद सीबीआई कोर्ट ने उसे सजा सुना दी।
वहीं स्पेशल सीबीआई कोर्ट की ओर से जुर्माना भी लगाया गया है। जिसमें गुरमीत सिंह पर 31 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा अवतार सिंह पर 75 हजार रुपए, सबदिल सिंह पर एक लाख 50 हजार रुपए, जसबीर सिंह पर एक लाख 25 हजार रुपए, कृष्ण लाल पर एक लाख 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। इन सभी दोषियों की ओर से दिए जाने वाले जुर्माने की राशि का 50 प्रतिशत हिस्सा रणजीत सिंह के परिवार को दिया जाएगा। सीबीआई कोर्ट में गुरमीत सिंह के वकील अजय वर्मान की ओर से सीबीआई की ओर से दी गई।
सभी दलीलों पर आग्रूमेंट्स किए। जिसके बाद उन्होंने कोर्ट से बाहर मीडिया को बताया कि गुरमीत सिंह तो यहां तक कह रहे हैं, कि वो अभी भी सामाजिक कार्य करना चाहते हैं। लेकिन कोर्ट ने कहा, कि इस बारे में सरकार या जिम्मेवार बॉडी डिसाइड नहीं कर सकती है। वहीं हम इस फैसले के खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जाएगें। जिसमें अपनी दलीलों को रखेंगें, उन्होंंने कहा, कि एक ही व्यक्ति की गवाही पर सारा केस बनाया गया था, जिसे केस के साढेÞ चार साल बाद सीबीआई इस केस में लेकर आती है। ऐसे में वो हाईकोर्ट में जाएगें।
पंचकूला स्पेशल सीबीआई कोर्ट में इस केस की अभी तक पैरवी रणजीत सिंह का बेटा जगसीर कर रहा था। जगसीर अपने परिवार के साथ सोमवार को भी पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में आया हुआ था। जहां उसने बताया कि उसका बचपन बहुत ही अलग तरीके से गुजरा है, उसके परिवार को उसकी फिक्र रहती थी, उन्हें डर रहता था, जिसके कारण उसे तो होस्टल में अपना बचपन गुजारना पडा। 18 Oct 2021 Life Imprisonment to Ram Rahim till Death
सूत्रों के अनुसार रणजीत की मौत के बाद उसके परिवार वालों को गुरमीत सिंह के समर्थकों का बहुत डर बना रहता था।उन्हें कई बार तंग भी किया गया, जिसका आभास उन्हें हो गया था। ऐसे में उन्होंने पहले ही जगसीर की सिक्योरिटी को लेकर कदम उठा लिया था। ऐसे में जगसीर को अपने ही परिवार से अलग रहना पडा। उसे जिस स्कूल या होस्टल में भेजा गया था, उसके बारे में भी परिवार के लोग किसी को कुछ नहीं बताते थे। 18 Oct 2021 Life Imprisonment to Ram Rahim till Death
वहीं उसके परिवार के लोगों ने इस केस को लडा था, ऐसे में सीबीआई की मांग उठाई थी। जिसके बाद अब केस नतीजे पर आ गया। जिस बारे में जगसीर ने कहा,कि भगवान के घर पर देर है, अंधेर नहीं। ऐसे में उनके पूर्वजों ने जो सच की लडाई लडी थी, उसमें रिजल्ट भगवान ने दिया है। फांसी की सजा की मांग कर रहे रणजीत के परिवार को उर्म्र की सजा में भी सकून है। उन्होंने बताया कि रणजीत सिंह हत्याकांड में जो सजा सुनाई गई है, वह पहले सुनाई जा चुकी सजा के साथ ही चलेगी। 18 Oct 2021 Life Imprisonment to Ram Rahim till Death
उधर, फैसला आने के बाद अदालत में मौजूद रणजीत सिंह के बेटे जगसीर ने कोर्ट के फैसले पर संतुष्टि जताई। ज्ञात रहे कि कुछ दिनों पहले कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम सहित सभी पांचों को दोषी करार दे दिया था। कोर्ट ने राम रहीम पर 31 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया। 18 Oct 2021 Life Imprisonment to Ram Rahim till Death
इस पूरे मामले में सीबीआई की और से खासतौर पर खट्टा सिंह की गवाही पर जोर दिया गया। जिसमें उसने बयान दिया था कि गुरमीत सिंह ने उसके सामने ही इन दोषियों को रंजीत सिंह का मर्डर करने के आॅर्डर दिए थे। खट्टा सिंह गुरमीत राम रहीम का ड्राइवर रहा हैं। वो उसके सबसे खास लोगो में शामिल था। सीबीआई ने खट्टा सिंह के अलावा इस मामले में दो अन्य लोगों के बयानों को भी सबूत के तौर पर पेश किया था। जिसमे चश्मदीद गवाह सुखदेव सिंह और जोगिंद्र सिंह विशेष थे। उनका कहना था कि जब रणजीत सिंह का मर्डर हुआ। जहां वो गिरा हुआ था, वहां से हत्यारे भाग रहे थे। उन्होंने दोषियों को भागते हुए देखा था।
दोषियों को सजा सुनाए जाने के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने पंचकूला में धारा-144 लागू कर दी थी। शहर में 17 नाके लगाए जा चुके हैं और इन नाकों पर लगभग 700 जवान तैनात किाए गए थे। वहीं सीबीआई कोर्ट परिसर और चारों प्रवेश द्वार पर आईटीबीपी की चार टुकड़ियां तैनात की गई थीं। हत्याकांड का मुख्य दोषी डेरामुखी गुरमीत राम रहीम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सीबीआई कोर्ट की कार्यवाही के चलते मौजूद रहा, जबकि अन्य चार दोषी कृष्ण कुमार, अवतार, जसवीर और सबदिल को पुलिस कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में प्रत्यक्ष रूप से पेश हुए।
रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में बीते 8 अक्टूबर को डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह और कृष्ण कुमार को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) के तहत दोषी करार दिया थौ। वहीं, अवतार, जसवीर और सबदिल को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया था।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख ने अपने मायाजाल को बुनने के लिए और अपने आप को सिक्योर करने के लिए सबसे पहले राजनैतिक संरक्षण लेना चाहा था, जिसमें वो अपने समर्थकों की हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों में वोट बैंक दिखा कामयाब भी हो गया था।
गुरमीत सिंह ने अपने आसपास अपने विश्वास के लोगों का भी जाल बुना हुआ था, जो उसके बारें में राजनीतिक पार्टियों को और पार्टियों के बारे में उसे जानकारी देते थे। जिसमें ज्यादातर फायदा गुरमीत सिंह को ही होता था। 18 Oct 2021 Life Imprisonment to Ram Rahim till Death
जिस मामले में पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने गुरमीत सिंह को सजा दी है, और जिसे लेकर गुरमीत सिंह को सीबीआई कोर्ट के सामने रहम की गुहार लगानी पडी, वो मामला असल में ठीक 19 साल पहले शुरू हुआ था। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह के काले कारनामों से पर्दा उठता जा रहा है। कैसे वो अपने डेरे की मदद से उतर भारत के हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान में वोट बैंक तैयार कर रहा था।
सबसे पहले उसने अपने आप को बचाने के लिए राजनीतिक संरक्षण लेने की कोशिश की। वह राजनीतिक पार्टियों को अपना वोट बैंक दिखाने में भी सफल रहा। राजनीतिक पार्टियां इलेक्शन जीतने के लिए उसके डेरे में हाजिरी लगवाती थी। बड़े-बड़े राजनेताओं का उसके साथ उठना बैठना था। गुरमीत सिंह ने अपने आसपास अपने विश्वास के लोगों का भी जाल बुना हुआ था, जो उसके बारें में राजनीतिक पार्टियों को और पार्टियों के बारे में उसे जानकारी देते थे।
रिकॉर्ड के अनुसार 13 मई 2002 को भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर एक चिट्ठी लिखी गई थी। जिसमें मीडिया में भी भेजा गया, लेकिन ज्यादातर ने इसे छापा ही नहीं था। वहीं सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। इस चिट्ठी के बाहर आते ही हरियाणा, पंजाब में विवाद खडा हो गया।
सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या का मामला भी इसी चिट्ठी से जुड़ा था। रामचंद्र ने ही सबसे पहले अपने अखबार में यह चिट्ठी प्रकाशित की थी। उसके बाद छत्रपति ने लगातार मामले को अखबार में छापा था। ठीक उसी समय पर रणजीत सिंह डेरा सिरसा का प्रबंधक था। डेरा प्रमुख को लगा कि इस चिट्ठी को लिखवाने या प्रधानमंत्री तक पहुंचाने में रणजीत सिंह का अहम रोल है। इस चिट्ठी में डेरे के बारे में कई बातें लिखी थी। जानने के लिए खबर पढ़ते रहें…
10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी। क्योंकि डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। 10 जुलाई 2002 को अपने घर से कुछ ही दूरी पर जीटी रोड के साथ लगते अपने खेतों में नौकरों को चाय पिलाकर वापस घर जा रहा था।
हत्यारों ने अपनी गाड़ी जीटी रोड पर खड़ी की हुई थी, जब रणजीत सिंह अपने खेत से वापिस बाहर आया, तो हत्यारों ने बहुत करीब से उस पर गोलियां चलाई थी। गोलियां चलाने वालों में पंजाब पुलिस का कमांडो सबदिल सिंह, अवतार सिंह, इंद्रसेन और कृष्णलाल शामिल थे। 18 Oct 2021 Life Imprisonment to Ram Rahim till Death
रणजीत सिंह की हत्या करने के बाद हत्यारों ने इस्तेमाल किए गए हथियार डेरे में जाकर जमा करवा दिए थे। रणजीत सिंह डेरा की उच्च स्तरीय प्रबंधन समिति का सदस्य था। वह डेरामुखी के काफी करीब माना जाता था। इतना ही नहीं जब भी डेरा प्रमुख जीटी रोड से निकलता था, तो वह रणजीत सिंह के घर रुककर जाता था।
पहले रणजीत सिंह का घर गांव के बीच में था, लेकिन बाद में उसने जीटी रोड के साथ ही कुछ गज की दूरी पर कोठी बनवाई ताकि डेरामुखी की गाड़ियां गांव की भीड़ में ना जाएं। सूत्रों के अनुसार इतना ही नहीं रणजीत सिंह ने डेरामुखी की सेवा में लाखों रुपये भी खर्च किए थे। डेरा प्रमुख और उसके खासमखास मानते थे, कि डेरे से चिट्ठी बाहर जाने के मामलें में रणजीत सिं की भूमिका है, जिसके चलते उसकी हत्या कर दी गई थी।
रणजीत सिंह हत्याकांड में तीन गवाह महत्वपूर्ण थे। इनमें दो चश्मदीद गवाह सुखदेव सिंह और जोगिंद्र सिंह हैं। उनका कहना था कि उन्होंने आरोपितों को रंजीत सिंह पर गोली चलाते हुए देखा था। तीसरा गवाह गुरमीत का ड्राइवर खट्टा सिंह था, जिसके सामने रंजीत को मारने की साजिश रची गई थी। 18 Oct 2021 Life Imprisonment to Ram Rahim till Death
खट्टा सिंह ने अपने बयान में कहा था कि गुरमीत राम रहीम ने उसके सामने ही रंजीत को मारने के लिए बोला था। हालांकि बाद में खट्टा सिंह अदालत के सामने बयान से मुकर गया था। कई साल बाद खट्टा सिंह फिर से कोर्ट में पेश हो गया और गवाही दी। उसकी गवाही के बाद ही कोर्ट ने मामले में सजा सुनाई । 18 Oct 2021 Life Imprisonment to Ram Rahim till Death
रणजीत सिंह हत्याकांड का मामला 14 साल तक तारीख दर तारीख चलता रहा है और 21 अगस्त 2021 को बचाव पक्ष की अंतिम बहस पूरी हुई थी। 26 अगस्त 2021 को कोर्ट ने मामले की फाइनल सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। 8 अक्टूबर 2021 को रणजीत सिंह हत्या मामले में सीबीआई कोर्ट ने सुनारिया जेल में बंद राम रहीम के साथ कृष्ण लाल, सबदिल, अवतार और जसबीर को दोषी करार दिया। 18 Oct 2021 Life Imprisonment to Ram Rahim till Death
सोमवार शाम को पंचकूला कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह हत्या मामले में सीबीआई ने सभी दोषियों को सुनाई सजा दी है। कोर्ट ने मामले में मुख्याारोपी गुरमीत राम रहीम, दोषी कृष्ण, सबदिल, जसवीर, अवतार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं, इस केस के एक आरोपी इंदरसैन की मौत हो चुकी है।
साध्वी यौन शोषण मामले में गुरमीत राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को पंचकूला स्पेशल सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया था। जब उसे यहां दोषी करार दिया गया था, तो उसके बाद पंचकूला में गुरमीत सिंह के समर्थकों ने आगजनी, पत्थरबाजी, तोडफोड की घटनाओं को अंजाम दिया था। जिसके चलते पंचकूला में पत्रकारों की गाडियों सहित एक बैंक में आग लगा दी गई थी। 18 Oct 2021 Life Imprisonment to Ram Rahim till Death
पुलिस पर पत्थराव किया गया थातो वहीं गुरमीत सिंह को कोर्ट से भगाने की साजिश को अंजाम देने की कोशिश की गई थी। जिसके चलते एक आईपीएस अधिकारी को गुरमीत सिंह के समर्थक ने थप्पड भी मारा था। इस मामले में अभी तक उन लोगों को मुआवजा नहीं मिला है, जिनकी गाडियों को जलाया गया था, तो वहीं बाकी प्रॉपर्टी का नुकसान हुआ था। 18 Oct 2021 Life Imprisonment to Ram Rahim till Death
गुरमीत राम रहीम को वर्ष 2019 में पत्रकार छत्रपति रामचंद्र के मर्डर मामले में भी सजा सुनाई गई थी। जबकि उसे पहले ही साध्वी यौन शोषण में सजा हो चुकी थी। ऐसे में उसे जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही पेश किया गया था। 18 Oct 2021 Life Imprisonment to Ram Rahim till Death
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