India News (इंडिया न्यूज), 1994 ISRO Spying Case: सीबीआई 1994 के इसरो जासूसी केस में दोबारा एक्शन को तैयार हो गई है। इस केस में अंतरिक्ष वैज्ञानिक नंबी नारायणन को कथित रूप से फंसाने के मामले में यहां एक अदालत में पांच व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। हालांकि अभी तक साफ नहीं हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद 2021 में दर्ज मामले में किसे आरोप पत्र दायर किया गया है। जनाते हैं पूरा मामला क्या है।

  • 1994 का इसरो जासूसी मामला
  • सीबीआई एक्शन मोड में
  • 5 के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश

15 अप्रैल, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि इसरो वैज्ञानिक नारायणन से जुड़े 1994 के जासूसी मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दी जाए।
केरल पुलिस ने अक्टूबर 1994 में दो मामले दर्ज किए थे, जब मालदीव के नागरिक रशीदा को पाकिस्तान को बेचने के लिए इसरो रॉकेट इंजन के गुप्त चित्र प्राप्त करने के आरोप में तिरुवनंतपुरम में गिरफ्तार किया गया था।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में क्रायोजेनिक परियोजना के तत्कालीन निदेशक नारायणन को तत्कालीन इसरो उप निदेशक डी शशिकुमारन और रशीदा की मालदीव की दोस्त फ़ौसिया हसन के साथ गिरफ्तार किया गया था।सीबीआई जांच में आरोप झूठे पाए गए थे।

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क्या था मामला

सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2018 में पूर्व इसरो वैज्ञानिक के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को “मनोरोगी उपचार” करार देते हुए कहा था कि उनकी “स्वतंत्रता और गरिमा”, जो उनके मानवाधिकारों के लिए बुनियादी है, खतरे में पड़ गई क्योंकि उन्हें हिरासत में ले लिया गया और सभी के बावजूद अतीत के गौरव को अंततः “निंदक घृणा” का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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