India News (इंडिया न्यूज),2000 Ke Note: 23 मई को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा 2000 के नोट को वापस लेने का फैसला लिया गया। जिसकी समय सीमा 30 सितंबर तक रखी गई और आज 26 सितंबर आ गया जिसके बाद 2000 रुपये का नोट अब कुछ ही दिनों का मेहमान है। तो जाहिर सी बात है कि अगर आपके पास 2000 के नोट अभी भी आपके पास है तो जल्द से जल्द उसे बैंक में जमा करा दें नहीं तो आपके 2000 के नोट 30 सितंबर के बाद केवल कागज के पन्ने की तरह हो जाएगा। हलाकि कई सारे सवालो के बीच एक लीगल टेंडर के तौर पर इस नोट की वैधता रहेगी या नहीं, अभी यह स्थिति साफ नहीं है।
2000 के नोट के जरिए बढ़ रही थी धांधली
(2000 Ke Note)
रिजर्व बैंक के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बता दें कि, 19 मई तक 2000 रुपये के जितने नोट अर्थव्यवस्था में चलन में थे उनमें से 93 प्रतिशत नोट एक सितंबर तक वापस भी आ चुके हैं। लेकिन 19 मई 2023 तक 2000 रुपये के जो नोट चलन में थे उनकी कुल कीमत 3.56 लाख करोड़ रुपये थी जिसमें से 93 प्रतिशत वापस भी आ चुके हैं। 31 अगस्त तक इनमें से 3.32 लाख करोड़ रुपये कीमत के 2000 रुपये के नोट वापस आ चुके हैं। जिससे ये तो साफ हो गया कि, अभी भी 24 हजार करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट चलन में हैं और यह 31 अगस्त का आंकड़ा है।
सवाल- बंद करना था तो जारी किया क्यों?
रिजर्व बैंक के द्वारा 2000 के नोट को वापस लेने के निर्णय के बाद लगातार लोगों ने सवाल खड़े किए कि, आखिर इसे बंद करना ही था तो जारी क्यों किया? बता दें कि, नोटबंदी के ऐलान के तहत जब 16 नवंबर 2016 को सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों पर पाबंदी का ऐलान किया तो अर्थव्यवस्था में अचानक नकदी की कमी होने से एक क्राइसिस आ गई। इसका डर भी पहले से ही जताया जा रहा था कि एकदम से इतने नोट हटाएंगे तो नोटों की कमी हो जाएगी। देश के अधिकतर लोग अभी नगद में लेन देन करते हैं. बहुत हद तक हम लोग डिजिटल हो चुके हैं। लेकिन अभी भी एक बहुत बड़ा ऐसा वर्ग है जो कि कैश यूज करता है। देश में कैश सर्कुलेशन नोटबंदी के पहले की दरों से भी ज्यादा है। यह भी एक वास्तविकता है।
जानिए क्यों किया नोट वापस लेने का ऐलान
जानकारी के लिए बता दें कि, भारतीय रिजर्व बैंक ने इस निर्णय के बारे में बताया कि, 2000 के नोट की वापसी क्लीन नोट पॉलिसी के तहत वापस लेने का ऐलान किया। क्लीन नोट पॉलिसी में क्लीन नोट मतलब साफ सुथरा कड़कदार नोट है. दरअसल इस नीति के तहत जनता को अच्छी क्वॉलिटी की मुद्रा, नोट और सिक्के मुहैया कराए जाते हैं क्योंकि उपयोग करते-करते वे खराब हो जाते हैं। नए नोट ज्यादा सुरक्षित होंगे, नोट में सिक्युरिटी फीचर नए आ जाएंगे। जो पुराना हटेगा तभी तो नया आएगा और यह इसलिए किया जाता है ताकि नकली नोट या सिक्के आसानी से ना बनाए जा सकें। इस नीति के तहत पुराने और खराब नोटों को चलन से बाहर किया जाता है।
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