इंडिया न्यूज:
लोगों में अमूमन 18 से लेकर 25 साल उम्र के बीच 29 से लेकर 32वां दांत निकलता है। इसे विसडम टीथ यानि अकल दाढ़ या दांत कहते हैं। ये जबड़े के सबसे पिछले हिस्से में होते हैं। जिसे तीसरी दाढ़ या मोरल दांत भी कहा जाता है। यह अगर सही दिशा में नहीं निकले, तो दांतों में तेज दर्द होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दाढ़ मसूड़ों को फोड़कर बाहर निकलती है।
आपको बता दें कि कई बार पर्याप्त जगह नहीं मिलने की वजह से आसपास के दातों को अक्ल दाढ़ धक्का देती है। या फिर कई बार अक्ल दाढ़ गम लाइन से ऊपर निकलती है। इनमें से कोई भी समस्या होने से दांत के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है और दांतों में सूजन आ जाती है। तो आइए जानते हैं दांतों के बारे में क्या कहती है रिसर्च।
दांतों को लेकर क्या कहती है रिसर्च
एक स्टडी मुताबिक पिछले 20 साल से 25 फीसदी युवाओं के सिर्फ 28 दांत निकल रहे हैं। 35 फीसदी युवाओं को बड़ी मुश्किल से पूरे 32 दांत आ पाते हैं। ये दांत भी टेढ़े-मेढ़े निकलते हैं, जिन्हें ट्रीटमेंट कर ठीक करना पड़ता है। वहीं एक रिसर्च मुताबिक पिछले 20 साल से 25 फीसदी लोगों को विसडम टीथ (अकल दाढ़) नहीं निकल रहे हैं। वहीं मुंह के अंदर खाना चबाने के लिए 12 दांत होते हैं, जिनकी संख्या भी अब घटकर आठ हो गई है। यानी अब लोगों को खाना चबाने में समस्या हो रही है। वैसे सामने की ओर काटने के लिए 20 दांत होते हैं उनमें कोई बदलाव नहीं है।
जबड़ों का साइज होने लगा छोटा
- कम दांत निकलने की यह समस्या शहरी युवाओं में ज्यादा देखने को मिल रही है। इसके पीछे वजह यह है कि नए जमाने के बच्चों ने दांत से कड़ी चीजें खानी कम कर दी हैं या फिर बंद कर दी हैं। पहले के समय में लोग भुना चना, भुट्टा और तमाम चीजें चबा-चबाकर खाया करते थे।
- गांव में अभी भी लोग ऐसा कर रहे हैं। मगर शहरों में अब वह सब बीते जमाने की बात हो गई है। कम चबाने से हुआ यह कि अब हमारे जबड़ों का साइज छोटा होने लगा है। अकल दाढ़ निकलने के लिए कोई स्थान ही नहीं बच रहा।
- अकल दाढ़ यानी मोलर दांत धीरे-धीरे अब अवशेषी अंग (वे अंग जो शरीर में होते तो नहीं, लेकिन उनका कोई काम नहीं होता) में शामिल होने की कगार पर है। बड़ी तेजी से लोगों में इसकी कमी देखी जा रही है। वहीं, अब इस युग में मोलर दांत की जरूरत भी नहीं समझी जा रही है। रिसर्च अनुसार यह धीरे-धीरे विलुप्त होता जाएगा और आने वाले 5000 साल में यह मानव का अवशेषी अंग हो जाएगा।
अकल दाढ़ निकलने के लक्षण
विसडम टीथ निकलते समय जबड़ों और मसूड़ों में कई प्रकार की समस्याएं होती हैं। जैसे-मसूड़ों का सूजना या लाल होना। मसूडों से खून बहना। जबड़ों का सूजना। सांसों में बदबू आना। मुंह खोलने में कठिनाई होना आदि।
अकल दाढ़ का इलाज क्या?
- अकल दाढ़ के इलाज के लिए डेंनिस्ट दांत की जांच करेगा और उस हिस्से का एक्सरे कराएगा। यह एक्सरे तय करने में मदद करेगा कि आपके दांत के लिए किस तरह का इलाज सबसे अच्छा है।
- दवाएं: अक दाढ़ में संक्रमण को दूर करने के लिए डॉक्टर एमसॉक्सिलिन, मेट्रोनाइडेजॉल जैसी एंटीबायोटिक दे सकता है। प्रभावित हुए दांत को रिपेयर करने से कम से कम एक सप्ताह पहले आपको यह एंटीबायोटिक लेनी होती है। यह दवा एक दांत को ठीक करने और बैक्टीरिया को फैलने से रोकने में मदद करती है।
- सर्जरी: यदि आपकी दाढ़ डैमेज हो गई है, तो डॉक्टर इसे पूरी तरह से निकाल देगा। एक प्रभावित संक्रमित अकल दाढ़ के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। अकल दाढ़ खींचना बहुत मुश्किल है। इसलिए इस क्षेत्र में इंजेक्शन लगाकर इसे सुन्न किया जाता है। इस प्रक्रिया में 20 मिनट या इससे ज्यादा समय भी लग सकता है। सर्जरी के बाद खून बहने, ठुड्डी में सुन्नता आने और जबड़े के कमजोर होने जैसे साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं।
- रिपेयर: एक बार संक्रमण साफ हो जाने के बाद आपके दांत को हटाने के लिए डॉक्टर दांत की फिर से जांच करेगा। अकल दाढ़ में कैविटी को ठीक करना दूसरे दातों को ठीक करने जैसा ही है। डॉक्टर दांत के किनारे को भी फाइल कर भोजन और बैक्टीकरिया फंसाने वाले खुरदुरे या उबड़ खाबड़ किनारों को हटा देता है ।
अकल दाढ़ निकलवाने का तरीका क्या?
- बहुत से लोग ऐसे होंगे, जिन्होंने अकल दाढ़ निकलवाई है या जिन्हें डॉक्टर ने अकल दाढ़ निकलवाने के लिए कहा है। लेकिन अक्सर लोग अकल दाढ़ के नाम से ही घबराते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। अगर कुछ नियमों का पालन करेंगे, तो दिक्कत नहीं होगी।
- दांत निकलवाने के बाद उस क्षेत्र को कॉटन से कम से कम एक घंटे तक दबाकर रखें। इससे ब्लीडिंग नहीं होगी। दाढ़ निकलने के 24 घंटे तक थूकना नहीं है और न ही ब्रश, कुल्ला, गरारे करने हैं। दांत निकलवाने के बाद ठंडी और नर्म चीज खाएं। कुछ भी गरम और सख्त नहीं खाना।
- ठंडी चीज में भी गैस वाले पेय पीने से बचें। अगर आप चाय या कॉफी पीना चाहते हैं, तो पी सकते हैं लेकिन ठंडा करके। किसी भी ठंडी चीज को पीने के लिए स्ट्रॉ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। जहां से दांत निकलवाया है। उस जगह की बाहर से बर्फ से सिकाई करें। 24 घंटे के बाद नमकयुक्त गर्म पानी से कुल्ला करें।
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