India News (इंडिया न्यूज), Lok Sabha Election 2024: गुजरात की 26 लोकसभा सीटों में से गांधीनगर की चुनावी जंग बेहद रोचक होने वाली है। इस सीट से केंद्रीय मंत्री अमित शाह अपनी सीट बरकरार रखने के लिए मैदान में हैं, चुनावों में सबसे ज्यादा उत्सुकता से देखी जाने सीटों में से एक है। गुजरात में लोकसभा चुनाव 7 मई को एक ही चरण में होंगे वहीं वोटों की गिनती 4 जून को होगी। ऐसे ही गुजरात में कुछ और सीटें भी हैं जहां का मुकाबला देखने लायक होगा।
1. गांधीनगर: यह शहरी सीट लंबे समय से भाजपा का गढ़ रही है, जिसने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गजों को संसद में भेजा है। अब इसका प्रतिनिधित्व अमित शाह कर रहे हैं, जिन्होंने 2019 के चुनावों में कांग्रेस के सी जे चावड़ा को 5.57 लाख वोटों से हराया था।
2. पोरबंदर: पटेल या पाटिदार बाहुल इलाके की यह सीट खासी सुर्खियों में है। यहां भी बीजेपी ताल ठोकेगी। पार्टी ने इस सीट से केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया को मैदान में उतारा है, जो लेउवा पाटीदार हैं। भावनगर जिले से आने वाले मंत्री अब तक राज्यसभा के रास्ते संसद पहुंचे हैं। भाजपा 1991 से पोरबंदर सीट जीत रही है, 2009 एक अपवाद था जब कांग्रेस के विट्ठल राडाडिया विजयी हुए थे।
3. राजकोट: यह भाजपा का गढ़ है जिसने 1989 के बाद से पार्टी को लगातार जीत दिलाई है, 2009 को छोड़कर जब कांग्रेस के कुंवरजी बावलिया ने सीट जीती थी। इस निर्वाचन क्षेत्र में लेउवा पाटीदारों की संख्याबल काफी है। केंद्रीय मंत्री और मोदी के करीबी सहयोगी भाजपा उम्मीदवार परषोत्तम रूपाला कड़वा पाटीदार हैं, जो पटेल समुदाय की एक और उपजाति है। रूपाला सौराष्ट्र क्षेत्र के अमरेली जिले के रहने वाले हैं।
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4. सूरत: दुनिया के हीरे तराशने के सेंटर ने 1989 से भाजपा को गले की सोभा बढ़ाया है। केंद्रीय रेल और कपड़ा राज्य मंत्री दर्शना जरदोश सूरत से वर्तमान सांसद हैं, जिन्होंने 2019 के चुनावों में 5.4 लाख वोटों के अंतर से सीट जीती है। इस सीट का देश के राजनीतिक इतिहास में भी अपना स्थान है क्योंकि पहले गैर-कांग्रेसी प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई ने यहां से पांच बार जीत हासिल की, जिसमें 1977 के आपातकाल के बाद के चुनाव भी शामिल हैं।
5. भरूच: मुख्य रूप से आदिवासी बहुल इस सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की संयुक्त ताकत भाजपा से मुकाबला करेगी। इंडिया गठबंधन के हिस्से के रूप में, यह सीट कांग्रेस ने AAP को दे दी है, जिसने डेडियापाड़ा विधायक चैतर वसावा को मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला भाजपा के मनसुख वसावा से होगा, जो 1999 से इस सीट पर जीतते आ रहे हैं। वसावा ने 2019 में 3.3 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की, जिससे यह सुनिश्चित हो गया कि 1989 से इस सीट पर भाजपा का दबदबा कायम है।
भरूच सीट कभी कांग्रेस नेता दिवंगत अहमद पटेल के पास थी, जिन्होंने पहली बार 1977 में इसे जीता था और 1980 और 1984 में जीत हासिल की और 1989 तक संसद में भरूच का प्रतिनिधित्व करते रहे।
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