India News

50th anniversary:भारत और दक्षिण कोरिया संबंधों की 50वीं वर्षगांठ, 12 से 27 सितम्बर तक होगा पॉप संगीत समारोह का आयोजन

India News (इंडिया न्यूज़) 50th anniversary: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग भारत और दक्षिण कोरिया के राजनयिक संबंध की 50वीं वर्षगांठ मना रहा है। 12 सितम्बर से 27 सितम्बर, 2023 तक प्रदेश के विभिन्न शहरों में दक्षिण कोरियन के पॉप संगीत समारोह का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहला आयोजन ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा विश्वविद्यालय में होगा।

यहां 12 सितंबर को दक्षिण कोरियन के पॉप कलाकार अउरा और फ्राइडे शारदा यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा में अपनी शानदार प्रस्तुति देंगे। इसका मकसद दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाना है। इससे लोग एक-दूसरे की संस्कृति से भी परिचित होंगे। उन्होंने बताया कि 15 सितम्बर, 2023-एसआरएमयू, लखनऊ, 16 सितंबर, 2023-एलनहाउस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, कानपुर और 27 सितम्बर, 2023-संस्कृति विश्वविद्यालय, मथुरा रोड आगरा में कार्यक्रम आयोजित होंगे।

50वीं वर्षगांठ पर संगीत समारोह का आयोजन

पर्यटन मंत्री ने कहा कि कला कोई भी हो, उसकी लोकप्रियता दूरी को खत्म करती है। दक्षिण कोरियन पॉप संगीत के प्रशंसकों की भारत में कमी नहीं है। यहां बड़ी संख्या में खासकर युवा, संगीत की इस विधा को देखते, सुनते और समझते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से इसी लोकप्रियता को देखते हुए 50वीं वर्षगांठ पर संगीत समारोह का आयोजन किया जा रहा है। ताकि लोग बिल्कुल नजदीक से उन कलाकारों की कला का लुत्फ उठा सकें जो इंटरनेट या दूसरे अन्य माध्यमों की मदद लेते हैं। इस आयोजन के जरिए श्रोता-दर्शक दोनों देशों के राजनयिक संबंध के महत्व को भी जान सकेंगे।

1973 से चले आ रहे संबंध की 50वीं वर्षगांठ

पर्यटन मंत्री ने कहा कि भारत और दक्षिण कोरिया के बीच राजनयिक संबंध वर्ष 1973 से चले आ रहे हैं। इसकी वजह से दोनों देश एक दूसरे की हरसंभव मदद के लिए तैयार रहते हैं। फरवरी-मार्च में दक्षिण कोरिया के 108 बौद्ध तीर्थयात्रियों ने भारत-नेपाल में 43 दिनों की अवधि में करीब 1,100 किमी से अधिक पैदल यात्रा की थी। उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों ने 9 फरवरी 2023 से 23 मार्च 2023 तक भारत और नेपाल में बौद्ध पवित्र स्थलों की यात्रा की थी। पैदल तीर्थयात्रा वाराणसी में सारनाथ से शुरू होकर, नेपाल से होते हुए श्रावस्ती में पूरी हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग बढ़ाना था। साथ ही पर्यटकों को भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का प्रत्यक्ष अनुभव करने और उनके जीवनकाल के दौरान उनके पदचिन्हों का पता लगाने में मदद करना था।

 

Also Read:

Itvnetwork Team

Recent Posts

Madhuri Dixit के बच्चों ने कभी नहीं देखी उनकी फिल्में, लेकिन भूल भुलैया 3 में मां को भूतनी बन देख कह दी ऐसी बात

Madhuri Dixit के बच्चों ने कभी नहीं देखी उनकी फिल्में, लेकिन भूल भुलैया 3 में…

1 hour ago

Red Wine पीने से कम होती है ये बीमारी? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

 India News(इंडिया न्यूज) Health News: कैंसर एक गंभीर  बीमारी है। इससे खुद को बचाना मुश्किल…

3 hours ago

रात में बार-बार टॉयलेट जाने का क्या होता है मतलब? इन 5 तरीकों से शरीर देता है ये जरूरी अंग सड़ने का संकेत

Symptoms Of Kidney Failure: किडनी की समस्याएं धीरे-धीरे बढ़ती हैं और समय पर पहचान न…

3 hours ago

BJP सांसद की मटन पार्टी में बोटी नहीं मिलने पर चल गए लात-घूंसे, पूरा मामला जान हंसी नहीं रोक पाएंगे आप

Viral News: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में भाजपा सांसद की मटन पार्टी में भारी बवाल…

6 hours ago

Rajasthan Politics: दीया कुमारी पहुंची टूरिस्ट विलेज देवमाली, ग्रामीण महिलाओं के साथ खाया खाना; कर दिया ये बड़ा एलान

India News RJ(इंडिया न्यूज़),Rajasthan Politics: उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने शनिवार को ब्यावर जिले के मसूदा…

6 hours ago