इंडिया न्यूज़, 5G Spectrum Auction: तीन दिन बीत चुके हैं और अब भी 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी लगातार जारी है और इसके लिए बोलियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस बारे में दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पुष्टि करते हुए जानकारी दी है कि 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी का कल तीसरा दिन था जिसमें 23 राउंड की बोली लगाई गई जिसमें 1,49,855 करोड़ रुपए की बोलियां प्राप्त हुई हैं। ज्ञात रहे कि आज शनिवार 30 जुलाई को भी चौथे दिन बोलियां जारी रहेंगी, आज इस आंकड़े में और भी बढ़त देखने को मिल सकती है।
जानिए तीन दिन में कितनी लगी बोलियां
संचार मंत्री वैष्णव ने जानकारी देते हुए कहा कि 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के तीसरे दिन की कुल बोली 1.5 लाख करोड़ के लगभग पहुंच चुकी है। तीन दिनों की बात की जाए तो इसमें कई राउंड आयोजित किए गए जिसमें अब तक कुल 1,49,623 करोड़ रुपए की बोलियां प्राप्त हुई हैं। 5G स्पेक्ट्रम नीलामी को पूरा होने में कुछ दिन लग सकते हैं, जो रेडियो तरंगों की वास्तविक मांग और व्यक्तिगत बोलीदाताओं की रणनीति पर निर्भर करता है।
5जी नीलामी में चार प्रतिभागी
विश्लेषकों के मुताबिक, रिलायंस जियो इस दौड़ में सबसे आगे दिखाई दे रहे हैं। मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो, सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और गौतम अडानी भी 5जी स्पेक्ट्रम खरीदने की होड़ में हैं।
5जी के आने से होंगे ये लाभ
- 4जी के मुकाबले मिलेगी ज्यादा स्पीड।
- वीडियो गेमिंग के क्षेत्र में 5जी से बड़ा बदलाव होगा।
- बिना बफरिंग या बिना रूके डाउनलोड कर सकेंगे।
- इंटरनेट कॉल में आवाज बिना रुके और साफ-साफ आएगी।
- कृषि क्षेत्र में खेतों की देखरेख में ड्रोन यूज संभव होगा।
- वर्चुअल रियलिटी और फैक्टरी में रोबोट यूज करना ज्यादा आसान होगा।
- मेट्रो और बिना ड्राइवर चलने वाली गाड़ियों को आपरेट करना आसान होगा।
भारत में 5G कब शुरू होगा?
5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी का आज चौथा दिन है, इसलिए यह स्पष्ट है कि अगस्त में 5G रोलआउट के लिए निर्धारित पिछली तारीख संभव नहीं होगी। उस स्थिति में, हम उम्मीद कर सकते हैं कि Airtel, Reliance, या Vi सितंबर या अक्टूबर में व्यावसायिक रूप से 5G का परीक्षण शुरू कर देंगे।
दूसरी ओर, अदानी एंटरप्राइज निजी नेटवर्क स्थापित करने के लिए आवश्यक न्यूनतम स्पेक्ट्रम खरीदने की संभावना तलाश रही है। इसका उपयोग डेटा केंद्रों या हवाई अड्डों पर किया जा सकता है। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले स्पष्ट किया था कि 2022 के अंत तक 20 से 25 भारतीय शहरों को 5G कनेक्टिविटी मिल जाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि भारत में नियमित उपयोगकर्ताओं के लिए वास्तविक नेटवर्क की कीमत वैश्विक बाजार से कम होगी।