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7 Defense Companies Formed सात नई रक्षा कंपनियां राष्ट्र को समर्पित

Amit Gupta • LAST UPDATED : October 15, 2021, 12:00 pm IST

7 Defense Companies Formed

पीएम की सौगात: 41 आर्डिनेंस फैक्ट्रियों को मिलाकर बनी 7 डिफेंस कंपनियां

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली

प्रधानमंत्री (PMModi) ने दशहरे के अवसर पर सात डिफेंस कंपनियां (defense companies) राष्ट्र को समर्पित कीं। आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ordnance factory board) को भंगकर इनका गठन किया है। सरकार का यह फैसला ऐतिहासिक है। इस कदम से हथियारों के आयात में कमी आएगी और इस मामले में आत्मनिर्भता बढ़ेगी।
पीएम ने इसे वीसी के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 5 साल मे 325% डिफेंस निर्यात बढ़ा है। रक्षा कंपनियों को अपग्रेड किए जाने की जरूरत थी, जो अब किया। रक्षा क्षेत्र में आज जो 7 नई कंपनियां उतरने जा रही हैं, वो समर्थ राष्ट्र के उनके संकल्पों को और मजबूती देंगी।

इन सात कंपनियों को किया शामिल

सात नई रक्षा कंपनियों को शामिल किया है, वे हैं म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (Munitions India Limited), आर्म्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (Armed Vehicles Corporation Limited), एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (Advanced Weapons and Equipment India Limited), ट्रूप्स कम्फर्ट्स लिमिटेड (Troops Comforts Limited), यंत्र इंडिया लिमिटेड (Yantra India Limited), इंडिया आप्टेल लिमिटेड (India Optel Limited) और ग्लिडर्स इंडिया लिमिटेड (Gliders India Limited)।
एक दिन पहले प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया था कि सरकार डिफेंस सेक्टर में सुधार लाने के लिए आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को एक विभाग से सात पूर्ण सरकारी स्वामित्व वाली कॉपोर्रेट संस्थाओं में बदलने जा रही है।

15-20 साल से लटका था मामला

पीएम ने कहा कि 41 आर्डिनेंस फैक्ट्रीज को नए स्वरूप में किए जाने का निर्णय, 7 नई कंपनियों की ये शुरुआत देश की इसी संकल्प यात्रा का हिस्सा हैं। ये निर्णय पिछले 15-20 साल से लटका हुआ था। मुझे पूरा भरोसा है कि ये सभी सात कंपनियां आने वाले समय में भारत की सैन्य ताकत का एक बड़ा आधार बनेंगी।

फैक्ट्रियों को अपग्रेड करने पर ध्यान नहीं दिया गया

मोदी ने कहा कि वर्ल्ड वॉर के समय भारत की आर्डिनेंस फैक्ट्रियों का दम-खम दुनिया ने देखा है। हमारे पास बेहतर संसाधन होते थे, वर्ल्ड क्लास स्किल होता था। आजादी के बाद हमें इन फैक्ट्रियों को अपग्रेड करने और नई टेक्नोलॉजी को अपनाने की जरूरत थी, लेकिन इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया।

65 हजार करोड़ रुपए के आर्डर्स प्लेस किए

कुछ समय पहले ही रक्षा मंत्रालय ने ऐसे 100 से ज्यादा सामरिक उपकरणों की लिस्ट जारी की थी जिन्हें अब बाहर से आयात नहीं किया जाएगा। इन नई कंपनियों के लिए भी देश ने अभी से ही 65 हजार करोड़ रुपये के आर्डर्स प्लेस किए हैं। ये हमारी डिफेंस इंडस्ट्री में देश के विश्वास को दिखाता है।

भारत की कंपनियां बने ग्लोबल ब्रांड

कंपनी एम्युनेशन और एक्सप्लोसिव्स की जरूरतों को पूरा करेगी, तो दूसरी कंपनी आर्मी व्हीकल मैन्युफैच्कर करेगी। इसी तरह एडवांस वेपन और इक्विपमेंट हों, ट्रूप्स कम्फर्ट आइटम हों, आप्टिकल इलेक्ट्रॉनिक्स हों, या पैराशूट्स- हमारा लक्ष्य है कि भारत की कंपनियां न केवल इन क्षेत्रों में एक्परटाइज हासिल करे, बल्कि एक ग्लोबल ब्रांड भी बनें। काम्पिटिटिव कॉस्ट हमारी ताकत है, क्वालिटी और रिलायबिलिटी हमारी पहचान होनी चाहिए।

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