India News (इंडिया न्यूज), Waqf Law In Supreme Court : नए वक्फ कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय की ओर से विरोध प्रदर्शन हो रहा है। वहीं बंगाल के मुर्शिदाबाद में भी काफी बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे, इलाके में हुई हिंसा में अब तक 3 लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं बड़ी तादात में लोग घायल भी हो गए हैं। निरीक्षण के लिए वहां बीएसएफ का चिन्ह अंकित किया गया है। वहीं आज रविवार 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून के खिलाफ मुकदमों की सुनवाई शुरू होगी।
बता दें कि इस मामले में अब तक 73 दाखिलों की सूची हो चुकी है, जिनमें कहा जा रहा है कि आज दस दाखिलों की सूची जारी की गई है। इन आवेदनों में दावा किया गया है कि वक्फ की मूल प्रकृति का प्रबंधन अस्वाभाविक रूप से किया गया है, और यह कि वक्फ की मूल शक्तियों का उल्लंघन है।
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वक्फ लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज दोपहर 2 बजे के लिए तय की गई है। जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन के रूप में तीन जजों की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की।
जानकारी के अनुसार कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों में विश्वनाथ के कई राजनीतिक कार्य शामिल हैं। इसमें मुख्य उत्पादों में कांग्रेस, प्लास्टिक कांग्रेस, सी-क्यू, मशीनरी (वाईएसआरसीपी) समेत कई दल शामिल हैं। साथ ही इसमें विक्ट्री के टीवीके, अंधेरगर्दी, नोएडा, एआईएमआईएम और आप जैसे कलाकारों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
धार्मिक विद्वानों में समस्त केरला जमियथुल उलमा, अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलमा-ए-हिंद जैसे धार्मिक विद्वानों ने भी कानून के खिलाफ याचिकाएं रखी हैं। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी का भी इस मामले में अहम योगदान है।
इनके अलावा, दो हिंदू प्रतिमाओं की भी तस्वीरें सामने आई हैं। वकील हरि शंकर जैन ने एक दस्तावेज दाखिल किया है जिसमें दावा किया गया है कि अधिनियम की कुछ धाराओं से अवैध रूप से सरकारी वस्तुओं और हिंदू धार्मिक स्थलों पर कब्जा किया जा सकता है। रहने वाली पारुल खेड़ा की भी एक पोस्ट है, और उनके पास भी इसी तरह के तर्क दिए गए हैं।
बता दें कि सरकार ने कोर्ट में एक केविएट को भी पदमुक्त कर दिया है। केविएट एक तरह का कानूनी नोटिस होता है जिसे जमा करके यह सुनिश्चित किया जाता है कि अगर कोई ऑर्डर दिया जाता है तो इस पक्ष को सुना जाए। मसलन, इससे साफ है कि केंद्र सरकार कानून में संशोधन को लेकर जगह बनाने की कोशिश कर रही है। अब देखने वाली बात होगी कि आज सुप्रीम कोर्ट इन मामलों पर क्या रुख अपनाता है।