Lok Sabha Elections 2024: भारत में 97 करोड़ मतदाता, 10.5 लाख मतदान केंद्र; जानें EC ने क्या कुछ कहा

India News (इंडिया न्यूज), Lok Sabha Elections 2024: भारतीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2023 की घोषणा कर दी है। प्रेस कॉफ्रेस करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने ऐलान किया कि 7 चरणों में होंगे। इसके साथ ही 4 जून को नतीजे आएंगे। इसी के साथ पूरे देश में अब आदर्श आचार संहिता (MCC) भी लागू हो जाएगी। आइये जानते है इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ने क्या क्या जानकारी दी?

पूरा चुनाव साथ चरणों में होगा। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को, दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को, तीसरे चरण का 7 मई को, चौथे चरण का 13 मई को, 5वें चरण का 20 मई को, छठे चरण का 25 मई को और आखिरी और 7वें चरण का मतदान 1 जून को होगा। जबकि मतगणना 4 जून को होगी।

चुनावों से संबंधित क्या कुछ विवरण दिए:

  • 2024 के लोकसभा चुनावों में मतदान करने के लिए कुल 96.8 करोड़ पंजीकृत मतदाता पात्र हैं।
  • इसमें 1.8 करोड़ भारतीय शामिल हैं जो हाल ही में 18 वर्ष के हो गए हैं और पहली बार वोट डालने के पात्र होंगे।
  • भारत के 12 राज्यों में पुरुषों की तुलना में महिला मतदाता अधिक हैं।
  • 88.4 लाख मतदाता विकलांग हैं और 48,000 ट्रांसजेंडर समुदाय से हैं।
  • चुनाव कराने के लिए 10.5 लाख मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
  • इन बूथों के प्रबंधन के लिए 1.5 करोड़ मतदान अधिकारियों को तैनात किया जाएगा।
  • चुनाव में 55 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
  • भारत के चुनाव आयोग ने 17 आम चुनाव और 400 विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक आयोजित किए हैं।

मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है और उससे पहले नये सदन का गठन करना होगा। आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और ओडिशा विधानसभा का कार्यकाल भी जून में खत्म हो जाएगा।

आदर्श आचार संहिता क्या है?

आदर्श आचार संहिता चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के प्रचार को विनियमित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का एक सेट है। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाताओं को प्रभावित करने वाली या मतदान प्रक्रिया को बाधित करने वाली किसी भी गतिविधि को रोककर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है।

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एमसीसी का इतिहास

आदर्श आचार संहिता का प्रयोग पहली बार केरल में 1960 के विधानसभा चुनावों के दौरान किया गया था। इसकी सफलता के बाद, चुनाव आयोग ने 1962 के लोकसभा चुनावों के दौरान इसे देश भर में पेश किया। 1991 के लोकसभा चुनावों के दौरान, चुनाव मानदंडों के बार-बार उल्लंघन और भ्रष्ट प्रथाओं पर चिंताओं के कारण चुनाव पैनल ने एमसीसी को और अधिक सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया।

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Mahendra Pratap Singh

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