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Opposition Meeting: विपक्षी दलों की मीटिंग में भारी ड्रामे की उम्मीद, केजरीवाल की प्रवक्ता बोली- कांग्रेस और बीजेपी में समझौता हुआ है

India News (इंडिया न्यूज़), Opposition Meeting, पटना: विपक्षी दलों की बैठक में नाटकीय अंदाज देखने को मिल सकता है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं के बीच जुगानी जंग चल रही है। बीते (Opposition Meeting) दिनों आम आदमी के सूत्रों ने हवाले से खबर आई की अगर कांग्रेस पटना की बैठक में दिल्ली पर केंद्र सरकार के अध्यादेश का समर्थन नहीं करती तो आम आदमी पार्टी मीटिंग से निकल जाएगी।

  • कांग्रेस और आप में घमासान
  • आप ने समझौता का आरोप लगाया
  • खड़गे मानसून सत्र में फैसला करेंगे

इस पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि अगर वह बैठक में शामिल नहीं होंगे तो किसी को उनकी (अरविंद केजरीवाल) कमी महसूस नहीं होगी। हम हमेशा से जानते थे कि वह इस बैठक में न जाने के लिए बहाने खोज रहे थे। इसके अलावा, उन्हें बैठक में हिस्सा न लेने के लिए उच्च अधिकारियों से आदेश मिला होगा।

मानसून सत्र में तय करेंगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने पटना में (Opposition Meeting) कहा कि दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़े केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर फैसला संसद के आगामी मॉनसून सत्र के शुरू होने से पहले किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शायद यह पता होगा कि अध्यादेश का विरोध या समर्थन संसद के बाहर नहीं, संसद के भीतर किया जाता है।

कांग्रेस और बीजेपी में समझौता

खड़गे के बयान पर आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि कांग्रेस को इतना समय क्यों लग रहा है एक गैर कानूनी अध्यादेश के खिलाफ अपना स्टैंड क्लियर करने पर। हमारे सूत्रों के मुताबिक हमें पता चला है कि राहुल गांधी और बीजेपी में समझौता हो गया है कि वह इस अध्यादेश की खिलाफत नहीं करेंगे तो वह अपना स्टैंड क्लियर करें कि वह संविधान के साथ खड़े हैं या भाजपा के साथ खड़े हैं।

संविधान की लड़ाई

प्रियंका ने कहा कि यह मुद्दा संविधान को बचाने की लड़ाई है। बहुत बड़ा मुद्दा है। यह क्लियर केस है जहां एक गैर संवैधानिक अध्यादेश को लाया गया है तो उस पर स्टैंड लेने पर क्यों संकोच है कांग्रेस को यह वह बताएं। बैठक से क्या निकलेगा यह कुछ देर में आपको पता लग ही जाएगा तो शाम तक इसके लिए इंतजार कीजिए।

क्या है केंद्र सरकार का अध्यादेश?

19 मई की देर शाम केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के आदेश को पलटने वाला अध्यादेश जारी कर दिया। केंद्र सरकार ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश, 2023’ लेकर आई है। इस अध्यादेश के तहत किसी भी अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़ा अंतिम निर्णय लेने का हक उपराज्यपाल को वापस दे दिया गया है।

इसी अध्यादेश के तहत दिल्ली में सेवा दे रहे ‘दानिक्स’ कैडर के ग्रुप A अधिकारियों के ट्रांसफर और अनुशासनात्‍मक कार्रवाई के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण’ गठित किया गया है। इसके अध्यक्ष दिल्ली के सीएम होगें, दिल्ली के मुख्य सचिव और गृह सचिव इसके सदस्य होगें। उपराज्यपाल अगर प्रधिकरण के फैसले से सहमत नहीं हुए तो वह फाइल लौटा सकते है। आपको बता दे कि ‘दानिक्स’ कैडर का मतलब है दिल्ली, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप, दमन एंड दीव, दादरा एंड नागर हवेली सिविल सर्विसेज।

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Roshan Kumar

Journalist By Passion And Soul. (Politics Is Love) EX- Delhi School Of Journalism, University Of Delhi.

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