India News (इंडिया न्यूज), Abdullah Family: जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। केंद्र शासित प्रदेश की सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं। इनमें एक पार्टी ऐसी भी है जो दशकों से जम्मू-कश्मीर की सत्ता पर काबिज है। इस पार्टी का नाम है नेशनल कॉन्फ्रेंस। जम्मू-कश्मीर के सबसे ताकतवर राजनीतिक परिवारों में से एक अब्दुल्ला परिवार हमेशा से नेशनल कॉन्फ्रेंस की कमान संभालता रहा है।
अब्दुल्ला ने बनाई पार्टी
नेशनल कॉन्फ्रेंस की स्थापना शेख अब्दुल्ला ने साल 1932 में की थी. पहले इस पार्टी का नाम मुस्लिम कॉन्फ्रेंस हुआ करता था। बाद में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की नीतियों से प्रभावित होकर अब्दुल्ला ने पार्टी का नाम बदलकर नेशनल कॉन्फ्रेंस कर दिया। शेख अब्दुल्ला तीन बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे।इसके बाद उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस की कमान अपने बेटे फारूक अब्दुल्ला को सौंप दी।
फारूक भी तीन बार जम्मू-कश्मीर के सीएम रहे। वहीं, उनके बेटे यानी शेख अब्दुल्ला के पोते उमर अब्दुल्ला एक बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा शेख अब्दुल्ला के दामाद गुलाम मोहम्मद शाह भी एक बार सीएम रह चुके हैं। यानी अब्दुल्ला के परिवार से चार लोग जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ चुके हैं।
दादा कश्मीरी पंडित थे
आपको बता दें कि शेख अब्दुल्ला ने अपनी आत्मकथा ‘आतिश-ए-चिनार’ में अपने पूर्वजों के बारे में बताया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि उनके (शेख अब्दुल्ला के) पूर्वज सप्रू गोत्र के कश्मीरी पंडित थे। अब्दुल्ला के दादा का नाम बालमुकुंद कौल था। उनके दादा ने सूफी मीर अब्दुल रशीद बैहाकी से प्रभावित होकर इस्लाम धर्म अपना लिया था।
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