नई दिल्ली (Adani-Hindenburg Row: Plea to restrain media from reporting dismissed) : अडाणी-हिंडनबर्ग का मामला देश की शीर्ष अदालत में बहस चल रही है। विभिन्न मुद्दों पर कोर्ट में याचिकाएं दायर की जा रही हैं। इसी बीच शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर मीडिया को रिपोर्टिंग करने से रोकने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। इतना ही नहीं सर्वोच्च न्यायालय ने इस मांग को करने वाली याचिका को अनुचित भी करार दिया।

  • कोर्ट ने लगाई फटकार
  • इस मामले पर कुल चार याचिका हैं दायर
  • क्या है अडाणी हिंडनबर्ग मामला ?

कोर्ट ने लगाई फटकार

याचिकाकर्ता एडवोकेट एम एल शर्मा ने शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग के संस्थापक नाथन एंडरसन और भारत में उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच करने और एफआईआर की मांग के साथ-साथ इस मामले पर मीडिया कवरेज को रोकने की भी अर्जी लगाई थी। जिसपर सुनवाई करते हुए सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा “हम मीडिया के खिलाफ कभी भी कोई निषेधाज्ञा जारी नहीं करने जा रहे हैं” सीजेआई ने शर्मा से कहा, “उचित तर्क दें… मीडिया के खिलाफ निषेधाज्ञा के लिए नहीं।”

इस मामले पर कुल चार याचिका हैं दायर

सुप्रीम कोर्ट में अडाणी-हिंडनबर्ग मामले पर अभी तक चार जनहित याचिकाएं दायर की जा चुंकी है। इस मामले पर पहली सुनवाई 10 फरवरी को चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला ने की थी। इस मामलें में जांच कमेंटी वाले मुद्दें को लेकर फिलहाल के लिए फैसला सुरक्षित रखा है जिसे कोर्ट जल्द ही सुनाएगा।

क्या है अडाणी हिंडनबर्ग मामला ?

हिंडनबर्ग एक रिसर्च फर्म है जिसने भारत के उद्योगपति गौतम अडाणी के ग्रुप पर 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इस रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे गंभीर  आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने अडाणी ग्रुप पर पांच आरोप लगाए हैं।

रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने पहला आरोप लगाया कि अडाणी ग्रुप की कंपनियों ने अपने शेयरों की कीमत को मैनिपुलेट कर बढ़ाया है, दूसरे आरोप में रिसर्च ने कहा अडाणी ग्रुप ने मनी लॉन्ड्रिंग और अकाउंटिंग फ्रॉड किया है। उन्होंने पिछले 8 सालों के दौरान 5 मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) को बदला है। रिसर्च में हिंडनबर्ग ने तीसरे आरोप में कहा कि अडाणी ग्रुप की 7 कंपनियों के शेयर की कीमत 85% तक ज्यादा यानी स्काय रॉकेट वैल्यूएशन के साथ बढ़े हैं। चौथे आरोप में कंपनी ने कहा कि अडाणी ग्रुप पर 2.20 लाख करोड़ का कर्जी है जो उसकी कंपनियों की हैसियत से ज्यादा है। पांचवे और आखिरी आरोप में हिंडनबर्ग ने कहा कि ग्रुप ने मॉरीशस और दूसरे देश की कंपनियों में पैसे भेजे और उन कंपनियों ने अडाणी के शेयर खरीदे।

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