India news(इंडिया न्यूज़), Sharad Pawar:  महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार के बारे में एक बड़ी फेसम कहावत है, जो वे बोलते है वो करते नहीं है और जो करते हैं उसे बोलते नहीं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कल एक ऐसा बयान दिया जिससे विपक्षी और सत्ता पक्ष दोनों कन्फयूज है। दरअसल शुक्रवार को शरद पवार ने एनसीपी में किसी तरह की विभाजन से इंकार कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने बगावत करने वाले अजित पवार को अपनी ही पार्टी का नेता बता दिया।

पार्टी में कोई विभाजन नहीं

महाराष्ट्र में बारामती में शरद पवार ने कहा कि अजित पवार पार्टी के नेता है, एनसीपी में किसी तरह का बगावत नहीं हुआ है। अजित पवार ने अलग रुख अपना लिया है। जिसे विभाजन नहीं कहा जा सकता है। शरद पवार के इस बयान से साफ हो रहा है की अजित पवार भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार चला रहे है। उनका गुट एनडीए के घटक दल है, वो अजित पवार भी अभी एनसीपी के नेता है।

किसके साथ हैं शरद पवार?

शरद पवार के के बयान से साफ होता है कि अजित पवार उनकी पार्टी के नेता है। तो क्या इसका मतलब है कि NCP INDIA गठबंधन के साथ भी है और NDA गठबंधन के साथ भी। क्या एनसीपी सरकार के साथ भी और विपक्षी के साथ भी? इससे तो लग रहा है कि शरद पवार के दोनों हाथ में लड्डू है। अजित पवार NDA के साथ और उनके चाचा शरद पवार INDIA के साथ। एनसीपी देश की पहली पार्टी है जो सरकार के साथ और विपक्ष के साथ भी है।

पवार के दोनों हाथों में लड्डू

शरद पवार के इस बयान के बाद INDIA गठबंधन वाले कह रहे हैं कि 2024 में अजित पवार हमारे साथ आ जाएंगे. NDA वाले कह रहे हैं कि शरद पवार उनके साथ आ जाएंगे। लेकिन आने वाले दिनों में क्या होगा वह सिर्फ शरद पवार को ही पता होगा। बता दें कि एनसीपी में बगावत के बाद शरद पवार कह रहे थे अजित पवार से उनका कोई लेना देना नहीं है।तो अब प्रश्न है की आखिर शरद पवार अपने भतीजे अजित पवार को पार्टी का नेता क्यो बताने लगे।

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