India News (इंडिया न्यूज), Vulgar Content Social Media : सोशल मीडिया पर अश्लीलता कॉन्टेन्ट का मुद्दा जुरों से चल रहा है। भारत में भी अब इसके लेकर आवाज उठने लगी है। सोशल मीडिया पर अश्लीलता कॉन्टेन्ट को लेकर चिंता जताई गई है। ये मुद्दा अब संसद में भी उठा है। सांसद अरुण गोविल ने सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध अश्लील कॉन्टेन्ट को लेकर सवाल उठाया है। उनके ये सवा उठाने के बाद से इस पर चर्चा तेज हो गई है। भारत में सोशल मीडिया Facebook, Twitter, Instagram आदि पर पोस्ट हो रहे कॉन्टेन्ट को लेकर आए दिन खबरें सामने आ रही हैं। लेकिन भारत में सोशल मीडिया को लेकर परेशानी, सिर्फ युवाओं में बढ़ रही इसकी आदत या लत नहीं है, बल्कि मुख्य चिंता इन प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध अश्लील कॉन्टेन्ट को लेकर है।
सासंद अरुण गोविल ने उठाया मुद्दा
लोकसभा में 27 नवंबर को मेरठ से सांसद और दिग्गज टीवी एक्टर अरुण गोविल ने लोकसभा में सोशल मीडिया पर मौजूद कॉन्टेन्ट की जांच के लिए कानून बनाने को लेकर सवाल पूछा है। उसके बाद केंद्रीय एवं सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर उपलब्ध अश्लील सामग्री की जांच के लिए कानून बनाने को लेकर बात की है। अरुण गोविल ने लोकसभा में पूछा कि ‘सोशल मीडिया पर अभी जो दिखाया जा रहा है, इसने हमारे नैतिक मूल्य और संस्कारों पर बहुत बड़ी चोट पहुंचाई है। OTT प्लेटफॉर्म पर जो दिखाया जा रहा है, बहुत अश्लील है, परिवार के साथ बैठकर नहीं देख सकते। इससे हमारे नैतिक मूल्यों का ह्रास हुआ है।
अरुण गोविल ने आगे सवाल किया कि क्या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अश्लील और यौन सामग्री के अवैध प्रसारण को रोकने के लिए मौजूदा तंत्र प्रभावी है और क्या सरकार इन प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए कानूनों को और कठोर बनाने की योजना बना रही है?
अश्विनी वैष्णव ने दिया जवाब
अरुण गोविल के सवाल पर केंद्रीय एवं सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि, आज सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म का जो युग है, एडिटोरियल चेक (संपादकीय जांच) खत्म हो गया है। एडिटोरियल चेक खत्म होने के चलते ही आज सोशल मीडिया एक तरफ फ्रीडम ऑफ प्रेस का बहुत बड़ा माध्यम है, लेकिन साथ ही साथ दूसरी तरफ एक अनियंत्रित प्लेटफॉर्म है जिस पर कई तरह की अश्लील कॉन्टेन्ट आते है। मौजुदा कानून को और कड़ा करने की जरूरत है।