एक संसदीय समिति ने लोकसभा और राज्यों के विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए न्युनतम आयु सीमा कम करने की मांग की है। समिति ने कहा है कि इससे देश के युवाओं को लोकतंत्र में शामिल होने का मौका मिलेगा। वर्तमान समय में लोकसभा, विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए व्यक्ति की उम्र कम से कम 25 साल है,और पंचायत स्तर के चुनाव के लिए 21 साल है। वहीं उच्य सदन राज्यसभा और राज्यों के विधान परिषद का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु 30 साल है। कानून और कार्मिक मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने लोकसभा और विधानसभा सदस्यों के चुनाव के लिए उम्र 25 से घटाकर 18 वर्ष करने की मांग की है।समिति ने ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे लोकतांत्रिक देश का हवाला देते हुए कहा है इन देशों को देखते हुए भारत में भी चुनाव लड़ने की आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। ताकी लोकतंत्र में युवा भागीदार हो सके।बता दें कि भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली समिति के रिपोर्ट में कहा गया है की विश्व स्तर पर युवा वर्ग की राजनीतिक चेतना और युवा प्रतिनिधित्व बढ़ाने की जरुरत है
चुनाव आयोग इसके लिए तैयार नहीं
चुनाव लड़ने के लिए आयु सीमा घटाने पर चुनाव आयोग पहले ही विचार कर चुका है। चुनाव आयोग के एक रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा, विधानसभा और किसी भी तरह के चुनाव के लिए जिम्मेदार होने के साथ-साथ अनुभव की भी जरुरत है। आयोग ने 25 वर्ष की आयु सीमा को सही ठहराया है। लेकिन समिति ने चुनाव आयोग को तर्क दिया है की अगर चुवान लड़ने की उम्र सीमा घटाने के बाद युवाओं को लोकतंत्र में शामिल होने के समान अवसर मिलेंगे।देश में 65 प्रतिशत आबादी युवाओं की है जिसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार लोकसभा और विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी की आयु सीमा घटाने पर विचार कर रही है। कई राजनीतिक दल भी इसके पक्ष में है। ये सभी दल तर्क दे रहे हैं कि अगर नगर निगम-परिषद में चुनाव लड़ने के लिए उम्र सीमा 21 साल है तो फिर विधानसभा और लोकसभा के लिए यह उम्र सीमा 25 साल क्यों है।