आज देश के हर कोने में केवल एक ही चर्चा है बजट, बजट और बजट तो किसान बजट से जुड़ी एक और बड़ी खबर आपके सामने है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते समय बताया कि अब न्यूनतम समर्थन मूल्य का पैसा सीधा किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर होगा। डीबीटी के माध्यम से किसानों को पैसा दिया जाएगा।

किसा मंडी या बिचौलिया से पैसे (पेमेंट) मिलने की सिर दर्दी अब किसानो के नही रहेगी। मोदी सरकार का दावा है कि डिजिटल पेमेंट से भ्रष्टाचार को रोकने में सहयोग मिलेगा।

डिजिटल बना कृषि विभाग

नए बजट में केंद्रीय सरकार ने फल और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों की राहत के लिए रणनीति बनाई है। बागवानी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार राज्यों का सहयोग करेगी। जिसके लिए 2,200 करोड़ की राशि का सहयोग दिया जाएगा। अब किसानों को कृषि इनपुट भी ऑनलाइन दिए जाएंगे। खाद, दस्तावेज, कीटनाशक, दवाईआदि सेवाओं को डिजिटल सर्विस के अंतर्गत देने का एलान किया गया है।

20 लाख क्रेडिट कार्ड

केंद्र सरकार ने किसानों की राहत के लिए ऋण को बढ़ा दिया है। इस साल 20 लाख करोड़ तक किसानों को क्रेडिट कार्ड के द्वारा ऋण देने की रणनीति बनाई गई है। जिससे की लाखो किसानो को फायदें मिलेंगे।

मोटे अनाज को बढ़ावा

सरकार ने इस बार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए अलग से योजना की शुरुआत की है। इसे श्री अन्न योजना नाम से जाना जाएगा। इसके जरिए देशभर में मोटे अनाज के उत्पादन और उसकी खपत के लिए बढ़ावा दिया जाएगा।

मछली पालन को मिलेगा बढ़ावा

केंद्र सरकार ने मछुआरों के लिए नई उपयोजना में 6000 करोड़ के निवेश का फैसला लिया है। इसके अतंर्गत मछुआरों को वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी दी जाएगी। जिससे ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा।