India News (इंडिया न्यूज), Air Pollution: अक्सर हम लोग वायु प्रदूषण को हल्के में ले लेते हैं। इसकी वजह से कई तरह की गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। अब जो रिपोर्ट आई है वो और डराने वाला है। वायु प्रदूषण का खतरा भारत के कई राज्यों में अपना पैर तेजी से पसार रहा है। अध्ययन से पता चलता है कि 10 शहरों में हर साल लगभग 33,000 मौतें होती हैं।
- शोधकर्ताओं ने किया आगाह
- बड़ी संख्या में मौतें
- कोलकाता में इतने 4,678 लोग हुए शिकार
शोधकर्ताओं ने किया आगाह
शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन में आगाह किया है कि वायु प्रदूषण के कारण हर साल भारतीय शहरों में हजारों लोगों की असामयिक मौतें होती हैं, यहां तक कि भारत की अपनाई गई सुरक्षित सीमा से नीचे प्रदूषण कणों की सांद्रता होने पर भी, जिसमें अपेक्षाकृत स्वच्छ शहरों में ऐसी मौतों की बड़ी संख्या पर प्रकाश डाला गया है।
वायु प्रदूषण के जोखिम पर भारत के पहले बहु-शहर मूल्यांकन अध्ययन से पता चलता है कि 10 शहरों में हर साल लगभग 33,000 मौतें होती हैं, जिसमें दिल्ली लगभग 12,000 मौतों के साथ शीर्ष पर है, इसके बाद मुंबई (5,091) और कोलकाता (4,678) हैं।
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बड़ी संख्या में मौतें
लेकिन चिंता की बात यह है कि जिन शहरों में वायु प्रदूषण कोई बड़ी समस्या नहीं मानी जाती, वहां बड़ी संख्या में मौतें देखी गईं। बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर कम होने से मृत्यु दर का जोखिम बहुत अधिक है। अध्ययन में शामिल दस शहर अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी हैं।
भारत, स्वीडन और संयुक्त राज्य अमेरिका के शोधकर्ताओं ने पाया कि 2008 और 2018 के बीच 12 साल की अवधि में, 10 शहरों में होने वाली सभी मौतों में से 7 प्रतिशत से अधिक को अल्पकालिक पीएम-2.5 जोखिम से जोड़ा जा सकता है, जो डब्ल्यूएचओ दिशानिर्देश मान 15 से अधिक है।