Air Pollution In Delhi
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
दिल्ली में छाए धुएं के गुंबार से लोगों को 3 दिन बाद भी राहत नहीं मिल पाई है। दिवाली के बाद से आबोहवा इतनी प्रदूषित है कि लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है। गले में खराश और आंखों की खुजली की परेशानी भी बढ़ गई है। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों और बुजुर्गों को हो रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 436 एक्यूआई है जोकि खतरनाक श्रेणी में आता है। इसमें पीएम10 का स्तर 412 और पीएम2.5 का स्तर 286 है।
जानकारी के मुताबिक शनिवार को गाजियाबाद का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 466 दर्ज किया गया। इस बीच शहर के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर 500-600 से बीच रहा। दूसरी तरह 461 के सूचकांक के साथ नोएडा दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बना। वहीं, गुरूग्राम का वायु गुणवत्ता 456 रिकॉर्ड किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में खराब मौसम की वजह सिर्फ पटाखें नहीं हैं। इसका मुख्य कारण पराली का जलना भी है। दिल्ली के आसपास के जिलों में पराली जलने के कई केस सामने आए हैं। पराली जलाने से आसमान में धुएं का गुब्बार छाया रहा। इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।
शनिवार को बीते 24 घंटे में पड़ोसी राज्यों में पराली जलने की 5000 से अधिक घटनाएं दर्ज की गई। दिल्ली-एनसीआर में चलने वाली हवाओं का रूख भी उत्तर पश्चिम बना हुआ है। इससे दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सा 41 फीसदी हो गया। जबकि एक दिन पहले ही शुक्रवार को यह आंकड़ा 36 फीसदी था।
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