India News (इंडिया न्यूज़),Ajit Pawar joins NDA government: महाराष्ट्र में सियासी घमासान जारी है। अजित पवार रविवार (2 जुलाई) को डिप्टी सीएम की सपथ लेकर NDA में शामिल हो गए। बता दें उनके साथ 9 विधायकों ने भा मंत्री पद की शपथ ली। ऐसे में ये कयास लगाया जा रहा है कि अजित के इस कदम से सिर्फ शरद पवार की पार्टी NCP ही नहीं टूटी है बल्कि विपक्षी एकजुटता बनने से पहले ही धारासाही हो गई है। आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस और जेडीयू के नीतीश कुमार की कोशिशें नए दलों को साथ लाने की थीं, पर जब अपनी पार्टी में ही एकता ना हो तो नेताओं द्वारा दलों को साथ लाने की कोशिश कहीं सपना बन कर ना रह जाए।

केंद्र में हो सकता है बड़ा फेरबदल 

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि कर्नाटक में प्रचंड जीत के बाद कांग्रेस पूरे उत्साह के साथ आगे बढ़ रही थी। लेकिन महाराष्ट्र में हुए इस बड़े बदलाव ने कहीं ना कहीं कांग्रेस की आत्मविषवास पर प्रहार किया है। अजित पवार के महाराष्ट्र में भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र में बड़ा फेरबदल हो सकता है। कुछ मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं तो कुछ नए चेहरों को जगह मिल सकती है। पिछले 24 घंटे के घटनाक्रम को देखते हुए यह भी कहा जा रहा है कि शरद पवार के वफादार प्रफुल्ल पटेल भी केंद्र में मंत्री बन जाएं तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। यही नहीं, शिवसेना के शिंदे गुट को भी सरकार में जगह मिल सकती है।

विपक्षी एकता का प्लान महज मजाक

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि महाराष्ट्र में जो कुछ हुआ है उसे देखते हुए ये कहा जा सकता है  कि विपक्षी एकता को बड़ी चोट पहुंची है।एलायंस में शामिल पार्टियां अपना-अपना राग अलाप रही हैं। आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने पहले ही एलायंस को गुडबाय कह दिया है। टीएमसी के नेता साफ कह रहे हैं कि उन्हें पश्चिम बंगाल में कोई गठबंधन नहीं चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि ऐसे में साफ है कि विपक्षी एकता जैसी कोई चीज नहीं है। पूरी की पूरी एनसीपी फैमिली एनडीए की तरफ शिफ्ट हो गई है और विपक्षी एकता का प्लान महज मजाक बनकर रह गया है।

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