India News (इंडिया न्यूज़), Akhilesh Yadav on Mathadheesh: गुरुवार को विभिन्न संप्रदायों के संतों ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि मठाधीश और माफिया में कोई अंतर नहीं है।  पंचायती अखाड़ा उदासीन निर्वाण के महंत दुर्गा दास ने अखिलेश के बयान को बेहद निंदनीय बताया। उन्होंने कहा, “सभी संत मठ के प्रमुख होते हैं, सभी का अपना आसन होता है। सनातन धर्म में मठ के प्रमुख की तुलना भगवान से की जाती है। मठ के प्रमुख को माफिया से जोड़ना ओछेपन की निशानी है।” आगरा के श्री मनकामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी महाराज ने कहा, “अगर अखिलेश कह रहे हैं कि मठ के प्रमुख और माफिया में कोई अंतर नहीं है, तो उन्हें पहले खुद को देखना चाहिए। उन्होंने क्या किया है?

तरह-तरह की बातें करते हैं?

वो कहते हैं कि जिनके पिता ने कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थीं? जिनके मंत्री राम के बारे में तरह-तरह की बातें करते हैं? मठ के प्रति उनकी क्या मंशा है, यह सभी समझ सकते हैं। भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे।” हनुमानगढ़ी के महंत वरुण दास ने कहा कि माफिया विध्वंसक है, जबकि मुख्य महंत सर्वे भवन्तु सुखिनः के हैं। उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव लुटेरों और सज्जनों में फर्क नहीं जानते। दोनों की तुलना करना पूरी तरह गलत है।” हनुमानगढ़ी के एक अन्य महंत देवेशाचार्य जी महाराज ने कहा कि पूर्व सीएम का यह बयान “दुर्भाग्यपूर्ण” है।

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‘मानसिक संतुलन खो चुके हैं’

पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी के सचिव यमुना पुरी ने कहा कि सपा प्रमुख अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अखिलेश का बयान राजनीति में “नीचता की पराकाष्ठा” है। उन्होंने कहा, “जो व्यक्ति राजनीति में बुरे चरित्र वाले लोगों को परिवार मानता है, उससे और क्या उम्मीद की जा सकती है? यह सनातन धर्म और हिंदू धर्मगुरुओं के प्रति उनकी नफरत को दर्शाता है। उत्तर प्रदेश की जनता माफिया के इन एजेंटों को समय रहते जवाब देगी। जरूरत पड़ी तो संत समाज अखिलेश के खिलाफ अभियान भी चलाएगा।”

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