India News (इंडिया न्यूज), All Party Meeting: केंद्र सरकार ने बजट सत्र से पहले रविवार (21 जुलाई) को हुई सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक के दौरान राजनीतिक दलों ने कई मुद्दे सरकार के समक्ष उठाए। जिनमें नीट पेपर लीक मामला, नेमप्लेट विवाद मामला, बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग मुख्यरूप से शामिल है। इस सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि संसद सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में जेडीयू और वाईएसआरसीपी ने क्रमश: बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा। लेकिन यह अजीब है कि टीडीपी इस मामले पर चुप रही। सोशल मीडिया पर जयराम रमेश की पोस्ट तब आई जब बैठक अभी चल रही थी।
बीजेडी ने याद दिलाई घोषणापत्र के वादे
बता दें कि, जयराम रमेश ने एक पोस्ट में कहा कि सर्वदलीय बैठक में बीजेडी नेता ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को याद दिलाया कि ओडिशा में 2014 के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के घोषणापत्र में राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने का वादा किया गया था। वहीं इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं हुई।
वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए से जीतन राम मांझी और जयंत चौधरी भी बैठक में शामिल नहीं हुए। माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी ने बैठक में कांवड़ यात्रा का मुद्दा उठाया। साथ ही कहा कि इसे लेकर लिया गया नेमप्लेट फैसला पूरी तरह गलत है।
किन-किन मुद्दों पर हुई चर्चा
विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक में मणिपुर, नीट पेपर लीक विवाद, बिहार की कानून व्यवस्था और कांवड़ यात्रा जैसे मुद्दे उठाए। एनसीपी ने कांवड़ यात्रा से जुड़े आदेश को वापस लेने की मांग की। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने डिप्टी स्पीकर के पद का मुद्दा उठाया और कहा कि यह पद खाली नहीं रहना चाहिए। जेडीयू के अलावा एलजेपी और आरजेडी ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है। वहीं वाईएसआरसीपी सदस्यों ने राज्य की कानून व्यवस्था के मुद्दे पर चिंता जताई। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वाईएसआरसीपी सदस्यों को यह मुद्दा सही जगह पर उठाना चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि इसके लिए उन्हें समय दिया जाएगा।
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