इंडिया न्यूज । जयपुर
इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को मर्ज करने का मामला गहराता जा रहा है। इस पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि यह निंदनीय है। अमर जवान ज्योति बुझाने के मामले में सीएम गहलोत का आया बयान सामने। उन्होंने कहा कि दो ज्योतियों को एक करने का औचित्य हर किसी की समझ से बाहर।
गहलोत ने पूछा अगर शहीदों के सम्मान में दो अलग-अलग ज्योति जलती रहतीं तो मोदी सरकार को क्या परेशानी थी? 50 वर्षों से शहीदों को नमन कर रही अमर जवान ज्योति को बंद करना शहादत का अपमान है। उन्होंने कहा कि ऐसे कुकृत्य करना इतिहास बदलने का प्रयास है। परन्तु मोदी सरकार को ये समझ लेना चाहिए कि ऐसे प्रयासों से इतिहास नहीं बदलता। बल्कि महान कार्य कर स्वर्णिम इतिहास बनाना पड़ता है।
अमर जवान ज्योति पाकिस्तान के दो टुकड़े करने वाले सैनिकों की स्मृति थी। इसको बन्द कर ‘मर्जर’ का नाम देना गलत है। उस ज्योति की पवित्रता को कमतर करने का प्रयास है। बांग्लादेश युद्ध विजय के 50 वर्ष पूर्ण होने पर ऐसा कृत्य करना घोर निंदनीय है।
अमर जवान ज्योति भारत के शहीद सैनिकों की याद में जल रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच 3 दिसंबर 1971 को जंग आरंभ हुई थी। यह जंग 13 दिनों तक चली थी। जिसके बाद 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना ने 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों से आत्मसमर्पण करवाया। भारतीय सैनिकों के बलिदान और साहस के बलबूते बांग्लादेश के 7.5 करोड़ लोगों को आजादी मिली थी। पाकिस्तान के साथ 13 दिन चले इस युद्ध में भारत के 3,843 जवान शहीद हुए थे।
उस समय उन शहीद जवानों की याद में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अमर ज्योति लगाने का फैसला किया। उसके बाद 1972 से अब तक इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति निरंतर जलती आ रही है। इंडिया गेट के पास एक काले रंग के पत्थर से स्मारक बना हुआ है। उस स्मारक पर अमर जवान लिखा हुआ है। स्मारक पर एल1ए1 सेल्फ लोडिंग राइफल, एक सैनिक का हेलमेट रखा है। यह ज्योति पिछले 50 सालों से निरंतर चलती आ रही है।
अमर जवान ज्योति में जो राइफ और हेलमेट लगा है वो किस सैनिक का है इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। वहीं पिछले 50 सालों से यह लौ निरंतर जलती आ रही है। अमर जवान ज्योति का चबूतरा काले संगमरमर से बना है। जिसकी ऊंचाई 1.29 मीटर और चौड़ाई 4.5 मीटर है। इस चबूतरे पर एक शहीद स्मारक बना है।
जिसके चारों ओर सुनहरे अक्षरों में अमर जवान लिखा है। इसके साथ ही चबूतरे के चारों कॉर्नर पर कलश स्थापित किए गए हैं। जिनमेंं से एक की लौ हमेशा जलती रहती है। शहीद स्मारक स्थापित होने के बाद से ही ज्योति निरंतर चलती आ रही है। वहीं इस स्मारक की बाकी तीनों कलश पर लगी लौ को स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस पर जलाया जाता है।
अमर जवान ज्योति को हमेशा जलाए रखने के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। अमर जवान ज्योति में लगे हर कलश में गैस बर्नर का प्रयोग किया जाता है। पहली बार 1972 में अमर जवान ज्योति को जलाया गया था। उसके बाद से 2006 तक ज्योति को जलाने के लिए एलपीजी यानि लिक्विड पेट्रोलियम गैस का प्रयोग होता था।
2006 के बाद से अमर ज्योति को जलाने के लिए सीएनजी का प्रयोग होने लगा। क्योंकि एक एलपीजी सिलेंटर से ज्योति 36 घंटे तक चलती थी। 2005 में ही स्मारक तक सीएनजी गैस पहुंचाने के लिए आधा किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई थी। इस गैर की सप्लाई इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड एजेंसी करती है।
अमर जवान ज्योति के पास हर समय जलसेना, वायुसेना और थलसेना के जवान तैनात रहते हैं। वहीं तीनों सेनाओं के झंडे भी यहां लहराते रहते हैं। अमर जवान ज्योति हमेशा जलती रहे उसकी निगरानी के लिए भी एक आदमी हमेशा ज्योति के नीचे बने कमरे में डयूटी पर रहता है।
1972 में ज्योति की स्थापना के बाद से ही हर साल 26 जनवरी की परेड से पहले राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, जल, थल और वायु सेना के प्रमुख अमर जवान ज्योति पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। 2019 में नेशनल वॉर मैमोरियल बनाया गया था। उसके बाद 2020 में गणतंत्र दिवस के मौके नेशनल वॉर मैमोरियल में श्रद्धांजलि देने की प्रथा आरंभ हो गई थी। अब ज्योति को भी वार मैमोरियल में चल रही ज्योति में मिलाया गया है।
देश की स्वतंत्रता के लिए अपनी जान गंवाने वाले सैनिकों की याद में 2019 में इंडिया गेट के समीप नेशनल वॉर मेमोरियल को स्थापित किया गया है। मैमोरियल का काम जनवरी 2019 में पूरा हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को इसका उद्घाटन किया था। नेशनल वॉर मेमोरियल में अब तक भारत के हुए सभी युद्धों में शहीद हुए जवानों के नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित हैं।
इस मैमोरियल में चीन, पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध, आपरेशन पावन सहित विभिन्न मिशन में शहीद हुए जवानों के नाम अंकित हैं। वॉर मैमोरियल में चार चक्र हैं। सुरक्षा चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र और अमर चक्र। यहां 25,942 जवानों के नाम अंकित हैं। 21 जनवरी को अमर ज्योति वॉर मैमोरियल में स्थानांतरिक की जा चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस बारे में पीएम ने एक ट्वीट कर जानकारी दी है। ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा कि 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है।
ऐसे में देश उनकी जयंती पूरे उल्लास से मनाएगा। पीएम ने कहा कि मैं खुश हूं कि नेताजी की ग्रेनाइट से बनी प्रतिमा को इंडिया गेट पर स्थापित किया जाएगा। जब तक प्रतिमा तैयार नहीं होती वहां नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा मौजूद रहेगी।
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