नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2022) के दौरान तीर्थयात्रियों को रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान पत्र जारी किए जाएंगे (Amarnath Yatra 2022 Ponies will also be RFID tagged for safety)। इसके साथ ही श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की बेहतर सुरक्षा के लिए टट्टू को आरएफआईडी कार्ड भी जारी करेगा।
यह प्रणाली आरएफआईडी के माध्यम से तीर्थयात्रियों के साथ-साथ कुलियों को ट्रैक पर ट्रैक करने में सक्षम होगी और बोर्ड की आवश्यकता के अनुसार वास्तविक समय के आधार पर विभिन्न मानदंडों का उपयोग करके रिपोर्ट तैयार करेगी।
टट्टू की RFID टैगिंग में लिखा है कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड स्वचालित प्रणाली में विश्वास रखता है। इससे तीर्थयात्रियों के साथ सेवा प्रदान करने वाले टट्टू, पिठू और पालकीवालों की पहचान और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
Amarnath Yatra 2022 Ponies will also be RFID tagged for safety: आरएफआईडी टैगिंग को जम्मू और कश्मीर के पशुपालन विभाग द्वारा पहले से ही किए गए ईयर-टैगिंग के साथ एकीकृत किया गया है। इससे ट्रैक पर चलने वाले प्रत्येक टट्टू को ईयर टैग नंबर या आरएफआईडी के जरिए ट्रैक किया जा सके कि वह कौन सी दिशा में कितनी दूर पर है। प्रीपेड काउंटर और मेन स्विचिंग सेंटर (एमएससी) में इसकी सही जानकारी उपलब्ध हो सकेगी
अमरनाथ की पवित्र गुफा के रास्ते में ट्रैक पर यात्रा के दौरान इसकी पहचान और ट्रैकिंग आसानी से हो सकेगी। यह टैग टट्टू की गर्दन या अन्य उपयुक्त हिस्से पर लगाई जाएगी। आरएफआईडी टैग ठीक से लगाए जाएंगे। अगर आरएफआईडी टैग टूट जाता है तो सेवा देने वाले व्यक्ति के खच्चर को सिस्टम से बाहर कर दिया जाएगा।
वर्ष 2019 में, 5500 पोनी की कुल स्वीकृत संख्या में से 5200 को पहलगाम में पंजीकृत किया गया था। 6000 की कुल संख्या में से 2699 को बालटाल में पंजीकृत किया गया था।
Amarnath Yatra 2022 Ponies will also be RFID tagged for safety: कोरोनावायरस महामारी के कारण यात्रा बंद रही है। यह वर्ष 2021 तक स्थगित रही। यात्रा इस साल 30 जून से शुरू होगी और 11 अगस्त को समाप्त होगी। इस साल जम्मू-कश्मीर प्रशासन को यात्रा के लिए लगभग आठ लाख तीर्थयात्रियों की उम्मीद है। वर्ष 2018 में, कुल 2.85 लाख तीर्थयात्रियों ने तीर्थ यात्रा की और वर्ष 2019 में 3.43 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए, लेकिन अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के कुछ दिन पहले 2 अगस्त को यात्रा अचानक बंद कर दी गई।
पोनीवाला (मालिक) को पशु चिकित्सक द्वारा जारी किए गए टट्टू के मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा। यह डिजीटल और डेटाबेस में सुरक्षित रहेगा। इसके बाद चिकित्सकीय रूप से फिट पोनी के लिए एक विशिष्ट आईडी जनरेट की जाएगी। इस आईडी को आरएफआईडी टैग में पंच किया जाएगा।
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