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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Amarnath Yatra Registration 2022 : पूरे दो साल बाद जून से अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है। वही आपके मन में यात्रा से जुड़े बहुत से सवाल होंगे, जैसे यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें, रजिस्ट्रेशन के लिए कितनी फीस देनी होगी और ऑनलाइन कैसे रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं ऐसे ही अनेक सवालों के जवाब आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से देंगे।
बता दें कि यह निर्णय बीते दिनों जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। बैठक में उपराज्यपाल ने बताया कि (Amarnath Yatra registration date) 30 जून 2022 से अमरनाथ यात्रा शुरू होगी। और पूरे 43 दिनों के बाद 11 अगस्त 2022 को रक्षाबंधन के दिन संपन्न होगी। तो आइए जानते हैं इसके लिए रजिस्ट्रेशन कैसे कराए जाते हैं।
अमरनाथ यात्रा आमतौर पर जुलाई-अगस्त के दौरान होती है, जब हिंदुओं का पवित्र महीना सावन पड़ता है। शुरू में तीर्थयात्रा 15 दिन या एक माह के लिए आयोजित होती थी। 2004 में श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रा को लगभग दो माह तक आयोजित करने का फैसला किया गया था। वहीं 2019 में ये यात्रा 1 जुलाई से शुरू होकर 15 अगस्त तक चलनी थी, लेकिन आर्टिकल- 370 हटाए जाने से कुछ दिनों पहले सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कैंसिल कर दी गई थी। (Amarnath Yatra registration start date 2022)
कहते हैं कि अमरनाथ यात्रा हिंदू धर्म की सबसे कठिन यात्राओं में से एक है। 2022 की अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 11 अप्रैल से शुरू होंगे। यात्रा यात्रा 30 जून से 11 अगस्त तक चलेगी। (Amarnath Yatra registration form) अमरनाथ यात्रा के लिए आप रजिस्ट्रेशन आफिसियल वेबसाइट के माध्यम से भी करवा सकते है। कहा जाता है कि अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।
यात्रा के लिए यात्रा परमिट प्राप्त करने के लिए प्रत्येक यात्री को आवेदन पत्र और अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाणपत्र (सीएचसी) जमा करना होगा। (Amarnath Yatra registration online)
यात्रा के लिए पंजीकरण की अनुमति 13 वर्ष से कम या 75 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति या छह सप्ताह से अधिक गर्भवती किसी भी महिला के लिए नहीं है।
अमरनाथ यात्रा का मार्ग समय के साथ बदलता रहा है। इस इलाके में सड़कों के निर्माण के साथ ही यात्रा मार्ग में भी बदलाव हुआ है। अब अमरनाथ की यात्रा के लिए दो रास्ते हैं। पहला रास्ता पहलगाम से शुरू होता है, जो करीब 46-48 किलोमीटर लंबा है। इस रास्ते से यात्रा करने में 5 दिन का समय लगता है। दूसरा रास्ता बालटाल से शुरू होता है, जहां से गुफा की दूरी 14-16 किलोमीटर है, लेकिन खड़ी चढ़ाई की वजह से इससे जा पाना सबके लिए संभव नहीं होता, इस रास्ते से यात्रा में 1-2 दिन का समय लगता है। (Amarnath Yatra registration doctor list)
कोरोना महामारी के बाद ये पहली अमरनाथ यात्रा होगी। ऐसे में सभी श्रद्धालुओं को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। श्राइन बोर्ड ने पहलगाम और बालटाल दोनों यात्रा मार्गों पर प्रतिदिन 10 हजार श्रद्धालुओं की संख्या तय करने पर सहमति दी है, इनमें हेलिकॉप्टर से यात्रा करने वालों की संख्या शामिल नहीं होगी।
इस बार फ्री बैट्री व्हीकल सुविधा का विस्तार बालटाल से डोमेल के 2 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग पर करने का फैसला किया गया है। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए सुरक्षाबलों की 250 कंपनियों के करीब 1 लाख जवानों को तैनात करने की योजना है। इसमें सीआरपीएफ के जवान प्रमुख होंगे। एक अनुमान मुताबिक, इस बार की यात्रा में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल होने की संभावना है।
अमरनाथ गुफा जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में 17 हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई वाले अमरनाथ पर्वत पर स्थित है। अमरनाथ गुफा श्रीनगर से 141 किलोमीटर दूर दक्षिण कश्मीर में है। यह गुफा लिद्दर घाटी के सुदूर छोर पर एक संकरी घाटी में स्थित है। ये पहलगाम से 46-48 किमोमीटर और बालटाल से 14-16 किलोमीटर दूर है।
गुफा समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां केवल पैदल या टट्टू से ही पहुंचा जा सकता है। तीर्थयात्री पहलगाम से 46-48 किलोमीटर या बालटाल से 14-16 किलोमीटर की दूरी की खड़ी, घुमावदार पहाड़ी रास्ते से गुजरने हुए यहां पहुंचते हैं।
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