Margashirsha Amavasya 2022: हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व होता है. इस दिन पूजा करने से पितृदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कार्तिक अमावस्या की तरह ही मार्गशीर्ष माह में आने वाली अमावस्या का भी काफी महत्व होता है. अमावस्या के दिन स्नान करना, दान और तर्पण किया जाता है। कहा जाता हैं कि इससे पितर प्रसन्न होते है और उनका आशीर्वाद मिलता है. कहते है कि मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथी के दिन श्रद्धा कर्म करने से मोक्ष के द्वार खुलते हैं. आइए इस मार्गशीर्ष माह में आने वाली अमावस्या तिथि और स्नान का महत्व जानते है

क्या होता है मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष माह को भगवान कृष्ण का प्रिय महीना कहा जाता है. इस माह में आने वाली अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है. कहा जाता है कि मार्गशीर्ष माह में आने वाली अमावस्या के दिन पितरों की मोक्ष प्रापित के लिए श्राद्ध किया जाता है. इस अमावस्या के दिन व्रत किया जाता है और जिससे पितर प्रसन्न होते हैं. जब पितर प्रसन्न होते हैं तो घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का माहौल रहता है. अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है. साथ ही गरीबों व जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से भी लाभ मिलता है.

2022 की मार्गशीर्ष अमावस्या कब है

हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह ​की अमावस्या इस साल की 23 नवंबर 2022, बुधवार को है. इस दिन पितरों को श्राद्ध कर्म करना फलदायी माना गया है. बता दें कि अमावस्या तिथि 23 नवंबर को सुबह 6 बजकर 53 मिनट पर शुरू हो जाएगी और 24 नवंबर को सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी.

स्नान और दान का शुभ मुहूर्त

मार्गशीर्ष माह में स्नान और दान का विशेष महत्व है. कहते हैं कि ऐसा करने से लोगों को पितरों का आशीर्वाद मिलता है और मोक्ष के रास्ते खुल जाते हैं. 23 नवंबर को स्नान और दान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 6 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगा.