इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Amit Shah Backstage Hero) : गृह मंत्री अमित शाह नेपथ्य के नायक हैं, जिन्होंने किसी श्रेय की लालसा के बिना ही काम किया। उक्त बातें बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा। उन्होंने आगे कहा कि अमित शाह अपने जीवन में खट्टे-मीठे अनुभवों के बावजूद अपने कर्तव्यों पर अडिग रहे। सिंह ने विभिन्न मामलों पर दिए शाह के भाषणों के संग्रह शब्दांश के विमोचन के अवसर पर कहा कि शाह राजनीति एवं अध्यात्म का दुर्लभ संगम हैं और उनके अध्ययन का दायरा कई लोगों को आश्चर्यचकित करेगा।
शाह नेपथ्य के हैं नायक
भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमित शाह के बारे में कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा कि शाह नेपथ्य के नायक हैं। उनमें श्रेय लेने की कोई लालसा नहीं है। वह पर्दे के पीछे रहते हैं और सरकार एवं पार्टी के लिए कई बड़े कार्य करते हैं तथा इसके बावजूद उन्हें इतना पढ़ने का समय मिल जाता है।
शाह का जीवन रहा है प्रयोगशाला
सिंह ने कहा कि शाह का जीवन एक प्रयोगशाला रहा है, जिसमें खट्टे-मीठे अनुभव रहे हैं। उन्होंने सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ के मामले में कहा कि गुजरात के नेता को कई महीने जेल में बिताने पड़े। इस मामले में शाह को अदालत ने बाद में सभी आरोपों से बरी कर दिया था।
जांच एजेंसियों ने उन्हें बहुत परेशान किया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी
रक्षा मंत्री ने कहा कि विभिन्न जांच एजेंसियों ने उन्हें बहुत परेशान किया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने गुजरात दंगों के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाना बनाया गया था। इस मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रधानमंत्री मोदी को क्लीन चिट दे दी है। उन्होंने कहा कि शाह को इस बात का विश्वास था कि सच सामने आएगा।
कांग्रेस पर साधा निशाना
सिंह ने नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ किए जाने को लेकर कांग्रेस के प्रदर्शनों पर स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए कहा कि जांच एजेंसी ने जब भी शाह को तलब किया, वे गए और उन्होंने इसे लेकर कोई हाय-तौबा नहीं की, या कोई आंदोलन नहीं चलाया।
जब भाजपा के दोनों नेताओं के खिलाफ संघीय एजेंसियों की जांच चल रही थी, उस समय कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार सत्ता में थी। सिंह ने कहा कि हर चुनौती ने उन्हें (शाह को) मजबूत बनाया। प्रशंसा या अपयश की परवाह किए बिना वह अपने कर्तव्यों के मार्ग पर चले। राजनीति एवं अध्यात्म का मेल दुर्लभ ही पाया जाता है, जो उनमें है।
राजनीति का अर्थ समाज को उचित मार्ग पर है लाना
उन्होंने कहा कि राजनीति का अर्थ समाज को उचित मार्ग पर लाना है, लेकिन इस शब्द ने अपना अर्थ खो दिया है और लोग राजनीति एवं नेताओं को नकारात्मक रूप से देखते हैं। उन्होंने कहा कि शाह राजनीति के इस असल लक्ष्य को बहाल करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
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