इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Amit Shah): केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि कश्मीर घाटी से हिंदुओं को बाहर नहीं निकाला जाएगा और उनकी सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए जाएंगे। पिछले कुछ दिन से घाटी में लगातार हो रही टारगेट किलिंग को देखते हुए अमित शाह ने एक हाई लेवल मीटिंग कर सुरक्षा एजेंसियों को ऐसी वारदातों को रोकने के लिए कड़े और ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।

आंतकवाद समाप्त करना लक्ष्य,सुधर रहे हालात, इसलिए बौखलाहट

अमित शाह ने बैठक में क्लियर किया कि सरकार का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करना है। इसी के साथ सरकार का लक्ष्य सीमा पार से जीरो घुसपैठ भी प्राथमिकता है। उन्होंने टारगेट किलिंग जैसी वारदातों में संलिप्त आतंकियों व उनसे जुड़े ओवर ग्राउंड वर्कर्स के खिलाफ भी एजेंसियों को सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए।बैठक में अधिकारियों ने कहा कि आतंकी टारगेट किलिंग डर पैदा करके अल्पसंख्यक हिंदुओं को घाटी से बाहर निकलने के लिए मजबूर कर रहे हैं पर इस दफा उनकी यह साजिश सफल नहीं नहीं हो पाएगी। एक अधिकारी ने बताया कि घाटी में तेजी से हालात सुधर रहे हैं, जिससे आतंकियों के साथ ही अलगाववादी भी बौखला गए हैं।

हिंदुओं को पूरी तरह बाहर निकालने की पहले की गलती नहीं दोहराएंगे

जम्मू-कश्मीर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टारगेट किलिंग को देखते हुए घाटी से हिंदुओं को बाहर निकालने की मांग की थी जिसे खारिज कर दिया गया। बैठक में कहा गया कि करीब 6000 हिंदू कर्मचारियों को सुरक्षित जगह भेज दिया गया है, पर घाटी से पूरी तरह हिंदुओं को बाहर निकालने की 1990 के दशकी की गलती अब नहीं दोहराई जाएगी।

कैसे सुधर रहे हालात, जानिए इसके उदाहरण, अमरनाथ यात्रा में बदलाव नहीं

जम्मू-कश्मीर में तेज से हालात सुधरने का साफ उदाहरण घाटी में पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी है। इस साल अब तक 10 लाख से ज्यादा पर्यटक कश्मीर आ चुके हैं। 15 जून को श्रीनगर में फिल्म फेस्टिवल शुरू होगा। आतंकवाद के बाद घाटी में सभी सिनेमाघर बंद कर दिए गए थे। बैठक में कहा गया कि अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत व आतंकी यासीन मलिक को सजा के ऐलान के बाद घाटी में पूरी तरह से शांत रही। जबकि ऐसी घटनाओं पर बड़े बवाल होते रहे हैं। बैठक में यह भी कहा गया है कि अमरनाथ यात्रा के कार्यक्रम में भी कोई बदलाव नहीं होगा।

बड़ी वारदातों में विफलता के चलते हताशा में आतंकी साफ्ट टारगेट की नीति अपना रहे

सुरक्षा एजेंसियों ने बैठक में बताया हाल के महीनों से लगातार आतंकी कश्मीर में बड़ी घटनाओं को अंजाम देने में असफल हो रहे हैं जिस कारण वे अब बौखलाहट के चलते साफ्ट टारगेट को अपना निशाना बना रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि घाटी के यूथ को पैसे उपलब्ध करवार ऐसे वारदातें करवाई जा रही हैं। एजेंसियों ने भरोसा दिया कि पिछले साल अक्टूबर में वे इसी तरह के हाइब्रिड आतंकियों से निपटने में कामयाब रहे थे और इस बार भी उनपर लगाम लगाने में सफल होंगे।

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल, एनएसए व अन्य वरिष्ठ अफसर रहे मौजूद

दिल्ली में गृह मंत्रालय में हुई पहली हाई लेवल मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री के साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा, राष्ट्रीय  सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, थल सेना प्रमुख मनोज पांडे, गृह सचिव अजय भल्ला, , आईबी प्रमुख अरविंद कुमार, रा प्रमुख सामंत गोयल व विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। दो हफ्ते कश्मीर की स्थिति पर अमित शाह की यह दूसरी हाई लेवल बैठक थी। इसमें आतंकवाद को रोकने के लिए रणनीति पर भी विचार हुआ।

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