India News(इंडिया न्यूज), Amitabh Kant: नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने इस बारे में पूछे जाने पर बताया कि दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के बावजूद भारत को अभी भी विकसित के बजाय उन्नत देशों के रूप में क्यों विकसित किया जा रहा है। पूर्व में ट्विटर पर अमिताभ कांत से पूछा गया था, कि “मेरा सवाल सरल है और सवाल यह है कि दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में होने के बावजूद भारत को अभी भी विकसित राष्ट्र नहीं बल्कि उच्च स्तरीय राष्ट्र क्यों माना जाता है। ये सवाल नीति आयोग के अमिताभ कांत से पूछा गया तो उन्होंने क्या उत्तर दिया, ये जानना आपके लिए आवश्यक है। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं पूरी जानकारी।
अमिताभ कांत ने दिया जवाब
भारत के जी20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत बैंगलॉन्ग में सीआईआई दक्षिणी क्षेत्र की वार्षिक क्षेत्रीय बैठक 2024 और ‘डेक्कन कन्वर्सेशन: एक्सेलेरेटिंग प्रोडक्शन ग्रोथ स्टोरी’ सम्मेलन के दौरान विषय पर चर्चा के दौरान उनसे या सवाल किया गया। इस पर उन्होंने देश के विकास की स्थिति निर्धारित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले वाले पर असाउल के साथ उत्तर दिया। उन्होंने बताया, कि “तकनीकी रूप से एक पिछड़ा देश है जहां प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 11,905 डॉलर या उससे कम है। यहां तक कि चीन, ब्राजील और मलेशिया को भी पिछड़े देश माने जाते हैं क्योंकि ये भी उतने विकसित देश नहीं है, तकनीकी रूप से कई क्षेत्रों में पीछे हैं।
क्या भारत छोड़ देगा जापान और जर्मनी को पीछे?
ऐसा तब हुआ जब जेफ़रीज़ ने कहा कि भारत की आकांक्षा अगले चार वर्षों में जापान और जर्मनी से पीछे होकर 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, कहा गया है कि भारत का शेयर बाजार 2030 तक लगभग 10 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ जाएगा, जिससे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए देश को “असंभव” हो जाएगा। जेफरीज ने कहा, कि ”अगले 4 साल में, भारत की संभावना 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी, जिससे यह 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी, जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ देगी।