इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Anand Giri: सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड करने के बाद उनके शिष्य आनंद गिरि (Anand Giri) का नाम अचानक सुर्खियों में आ गया है। जिसकी वजह है महंत का लिखा वो सुसाइड नोट, जो पुलिस को मौका-ए-वारदात पर मिला था।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक उस सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद (Anand Giri) समेत अपने कई शिष्यों का जिक्र किया है। आनंद गिरि का नाम हमेशा विवादों से घिरा रहता है। महंत नरेंद्र गिरि अपने शिष्य आनंद गिरि (Anand Giri) के क्रिया कलापों से बहुत दुखी थे।
पुलिस ने आगे बताया कि “अपने 7 पेज के सुसाइड नोट में महंत ने मानसिक रूप से परेशान होने की बात कही है। दरअसल, महंत और उनके शिष्य स्वामी आनंद गिरि के बीच का विवाद काफी चर्चा में रहा था। आनंद गिरि पर गंभीर आरोप लगे थे। जिसके बाद उन्हें निरंजनी अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था। उन्हें महंत नरेंद्र गिरि का प्रिय शिष्य माना जाता था। आनंद गिरि को मंदिर से जुड़े कई अधिकार भी हासिल थे। लेकिन संत परंपरा को न मनी की वजह से उन्हें इसी साल निष्काषित कर दिया गया था।”
इसके बाद शिष्य आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी पर तमाम तरह के आरोप लगाए थे। जिसका उत्तर देते हुए महंत ने भी आनंद गिरि (Anand Giri) पर गंभीर आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। इन मामलों की वजह से ही महंत नरेंद्र गिरि और आनंद के बीच दूरी बढ़ती चली गई। आरोप था कि आनंद संत समाज के नियमों का उल्लंघन करते रहे।
मामला साल 2016 और 2018 का है। उस वक्त आनंद गिरि महंत के विश्वासपात्र शिष्य थे। उस समय वे आस्ट्रेलिया गए हुए थे। तभी उन पर होटल के कमरे में दो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और महिलाओं से मारपीट के आरोप लगे थे। उनके खिलाफ महिलाओं ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। इसके बाद आनंद गिरि को पुलिस ने वहां गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया था। इस घटना के बाद से ही आनंद गिरी के चरित्र पर सवाल खड़े हो गए थे।
कुछ समय के बाद आनंद गिरि को महंत नरेंद्र गिरि के दखल और वकीलों की मदद से रिहा कराया गया था। लेकिन इस घटना की वजह से महंत नरेंद्र गिरि, मंदिर और बाघंबरी मठ की छवि को बहुत नुकसान पहुंचा था। महंत नरेंद्र गिरी इस घटना से काफी दुखी थे। इसी मामले में छूट जाने के बाद ही आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि पर उन्हें छुड़ाने के लिए कई अमीर लोगों से 4 करोड़ रुपये वसूलने का आरोप लगाया था।
यह मामला अक्टूबर 2020 का है। उस वक्त आनंद गिरि की एक फोटो वायरल हुई थी। जिसमें वह एक विमान की बिजनेस क्लास में बैठे दिख रहे थे। उनके सामने होल्डर पर शराब से भरा एक ग्लास रखा है। इस तस्वीर के वायरल होने पर आमजन और मठ से जुड़े काफी लोगों ने एतराज जताया था। इसके बाद आनंद गिरि धार्मिक लोगों के निशाने पर आ गए थे। अपनी जग हसाई होते देख आनंद गिरि ने सफाई देते हुए कहा था कि उस ग्लास में शराब नहीं एप्पल जूस था। तस्वीर को वायरल कर उन्हें बदनाम करने की साजिश थी।
आनंद पर आरोप था कि वो संत परंपरा के खिलाफ अपने परिवार से संबंध रखते थे। प्रयागराज में संगम के किनारे बने लेटे हनुमान मंदिर में जो चढ़ावे का पैसा आता है, आनंद वो अपने परिवार पर खर्च करते हैं। इसी आरोप के बाद आनंद को अखाड़े से निकाल दिया गया था। निकाले जाने के बाद आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी पर कई आरोप जड़ दिए थे।
इसी साल मई में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरी के पैर पकड़कर माफी मांग ली थी। इसके साथ ही आनंद गिरी ने निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वर से भी माफी मांगी थी।
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