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Angel Tax: जानें क्या है एंजल टैक्स? जिसके खत्म होने से अब स्टार्टअप और उद्यमियों को मिलेगा फायदा

India News (इंडिया न्यूज), Angel Tax: अपने रिकॉर्ड सातवें बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को समर्थन देने के उद्देश्य से कई उपायों की घोषणा की। उद्यमियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण घोषणा एंजल टैक्स को समाप्त करना था। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा, “भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को मजबूत करने, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और नवाचार का समर्थन करने के लिए, मैं निवेशकों के सभी वर्गों के लिए तथाकथित एंजल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव करती हूं।”

एंजल टैक्स क्या है?

देश में एंजल टैक्स को वर्ष 2012 में लागू किया गया था। यह टैक्स उन अनलिस्टेड व्यवसायों पर लागू होता था, जो एंजल निवेशकों से फंडिंग लेते थे। सरल भाषा में इसे ऐसे समझा जा सकता है कि जब कोई स्टार्टअप एंजल निवेशक से फंड लेता था, तो उस पर टैक्स भी देता था। यह पूरी प्रक्रिया आयकर अधिनियम 1961 की धारा 56 (2) (vii) (b) के तहत की जाती थी।

सरकार ने यह टैक्स क्यों लाया?

दरअसल, सरकार का मानना ​​था कि इसके जरिए वह मनी लॉन्ड्रिंग को रोक सकती है। इसके अलावा, इस टैक्स की मदद से सरकार सभी तरह के व्यवसायों को टैक्स के दायरे में लाने की कोशिश कर रही थी। हालांकि, सरकार के इस कदम की वजह से देश के सभी स्टार्टअप घाटे में चल रहे थे। यही वजह थी कि इस टैक्स को खत्म करने की मांग की जा रही थी। इस टैक्स से असल दिक्कत तब होती थी, जब किसी स्टार्टअप को मिलने वाला निवेश उसके उचित बाजार मूल्य (FMV) से अधिक हो जाता था। ऐसी स्थिति में स्टार्टअप को 30.9 फीसदी तक टैक्स देना पड़ता था।

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खैर, अब मोदी सरकार ने इस टैक्स को खत्म कर दिया है और इससे देश के स्टार्टअप्स को फायदा होगा। आपको बता दें, पिछले कुछ सालों में देश में स्टार्टअप्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इसके साथ ही कई स्टार्टअप्स ऐसे भी हैं जो यूनिकॉर्न बन गए हैं। मोदी सरकार का लक्ष्य देश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है। इसलिए वह स्टार्टअप्स को हर तरह की मदद देने की हर संभव कोशिश कर रही है।

इंडिया इंक ने सरकार के फैसले का किया स्वागत

एसकेवी लॉ ऑफिस के पार्टनर प्रणव भास्कर ने एंजल टैक्स को खत्म करने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा: “इससे स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेश को बहुत जरूरी बढ़ावा मिल सकता है। इससे निवेशकों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के स्टार्टअप से जुड़ने और उद्यमी उपक्रमों में निवेश को प्रोत्साहित करने की संभावना है।”

सिरिल अमरचंद मंगलदास के पार्टनर कुणाल सवानी ने एंजल टैक्स के उन्मूलन पर इसी तरह की सकारात्मक भावनाओं को दोहराते हुए कहा “एंजल टैक्स का उन्मूलन भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक बड़ी जीत है। युवा कंपनियों के लिए, विकास और नवाचार के लिए शुरुआती चरण के वित्तपोषण को सुरक्षित करना महत्वपूर्ण है। यह भारत के बाहर से निवेश को आकर्षित करने में विशेष रूप से सहायक होना चाहिए। हाल ही में एंजल टैक्स व्यवस्था को गैर-निवासी निवेशकों के लिए विस्तारित किए जाने के बाद, गैर-निवासी निवेशकों को एंजल टैक्स और फेमा मूल्यांकन नियमों का अनुपालन करने में दोगुनी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह परिवर्तन चीजों को सरल बनाता है और भारत को स्टार्टअप पूंजी के लिए अधिक आकर्षक गंतव्य बनाता है।”

Divyanshi Singh

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