April Fools Day 2022 The History and Origin जानें, अप्रैल फूल के मजेदार किस्से
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली
एक अप्रैल (April Fool Day 2022) का दिन ऐसे दिन के रूप में जाना और मनाया जाता है जब लोग एक दूसरे के साथ हंसी मजाक करते हैं। इस दिन मित्रों, परिजनों, शिक्षकों, पड़ोसियों, सहकर्मियों आदि के साथ अनेक प्रकार की नटखट हरकतें और अन्य व्यावहारिक परिहास किए जाते हैं। लेकिन अन्य दिनों की तरह इस दिन मूर्ख बना व्यक्ति नाराज या गुस्सा नहीं होता जो इस दिन की सबसे बड़ी खासियत है।
कहते हैं कि इस दिन आधिकारिक छुट्टी नहीं होती है, लेकिन लोग अपने दोस्त रिश्तेदार, आॅफिस में ये दिन अच्छे से मस्त होकर सेलेब्रेट करते हैं। पारंपरिक तौर पर कुछ देशों में जैसे न्यूजीलैंड, ब्रिटेन, आॅस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका में इस तरह के मजाक केवल दोपहर तक ही किए जाते थे। तो आइए जानते हैं अप्रैल फूल दिवस की शुरुआत कब और कैसे हुई।
April Fool’s Day 2022 पढ़ें रोचक किस्सा
पहली बार अप्रैल फूल कब मनाया गया था
कहते हैं कि साल 1381 में पहली बार एक अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया गया था। इसके पीछे एक कहानी है, इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी ने सगाई का ऐलान किया और कहा कि सगाई 32 मार्च 1381 को होगी।
मूर्ख दिवस का इतिहास
इस ऐलान से आम जनता इतनी खुश हुई कि उसने खुशियां मनाना शुरू कर दिया। हालांकि बाद में उन्हें एहसास हुआ कि वह बेवकूफ बन गए हैं क्योंकि कैलेंडर में तो 32 मार्च की तारीख ही नहीं होती है। कहते हैं कि उस दिन के बाद से ही प्रत्येक वर्ष एक अप्रैल को लोग मूर्ख दिवस के रूप में मनाने लगे।
भारत में मूर्ख दिवस मनाने की शुरूआत कैसे हुई
भारत में एक अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाने की शुरूआत 19वीं सदी में अंग्रेजों की ओर से की गई थी। इसके बाद भारत में भी हर साल इस दिन को मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। हालांकि अब सोशल मीडिया के आने के बाद देश में मूर्ख दिवस की पहचान बढ़ी है।
अन्य देशों में कैसे मनाया जाता मूर्ख दिवस
फ्रांस, इटली, बेल्जियम में कागज की मछली बनाकर लोगों के पीछे चिपका दी जाती है और मजाक बनाया जाता है। स्पेनिश बोलने वाले देशों में 28 दिसंबर को अप्रैल फूल मनाया जाता है, जिसे डे आॅफ होली इनोसेंट्स कहा जाता है। ईरानी फारसी नववर्ष के 13वें दिन एक-दूसरे पर तंज कसते हैं, यह 1 या 2 अप्रैल का दिन होता है। डेनमार्क में 1 मई को यह मनाया जाता है और इसे मज-कट कहते हैं।
बताया जाता है कि पारम्परिक तौर पर कुछ देशों जैसे-न्यूजीलैंड, ब्रिटेन, आॅस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में इस दिन केवल दोपहर तक ही मजाक किया जाता है अगर कोई दोपहर के बाद इस प्रकार का प्रयत्न करता है तो उसे “अप्रैल फूल” कहा जाता है। वहीं फ्रांस, आयरलैण्ड, इटली, दक्षिण कोरिया, जापान, रूस, नीदरलैण्ड, जर्मनी, ब्राजील, कनाडा और अमेरिका जैसे देश में हंसी मजाक का सिलसिला पूरे दिन चलता है।